Magh Purnima Kab hai, Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा कब है? जानें सही तारीख, पूजन विधि और महत्व!
Magh Purnima Kab hai, Magh Purnima 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है, और माघ मास की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा कहा जाता है।;
Magh Purnima Kab hai, Magh Purnima 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है, और माघ मास की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा कहा जाता है। यह पर्व भगवान विष्णु (श्रीहरि), देवी लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। माघ पूर्णिमा वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक मानी जाती है और इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान-धर्म और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं माघ पूर्णिमा 2025 की तिथि, महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में।
माघ पूर्णिमा 2025: तिथि और मुहूर्त
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 11 फरवरी 2025, शाम 06:55 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 फरवरी 2025, शाम 07:22 बजे
- उदया तिथि के अनुसार मनाने की तिथि: 12 फरवरी 2025
- चंद्रोदय का समय: शाम 06:32 बजे
माघ पूर्णिमा का महत्व
पापों से मुक्ति: इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से जीवन के सभी पाप मिट जाते हैं।
सुख-समृद्धि: माघ पूर्णिमा पर दान-धर्म करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
चंद्रमा की शक्ति: जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, उन्हें इस दिन चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए। इससे स्वास्थ्य और मानसिक शांति मिलती है।
महाकुंभ का महत्व: 2025 में महाकुंभ के कारण माघ पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन तीर्थराज प्रयागराज में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
माघ पूर्णिमा क्यों है खास?
- माघ पूर्णिमा को अन्य पूर्णिमाओं से विशेष माना जाता है क्योंकि:
- यह वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है।
- इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान करने से सभी तीर्थों का पुण्य प्राप्त होता है।
- इस दिन दान-धर्म करने से जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं होती।
माघ पूर्णिमा पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठें: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और सूर्य देव की उपासना करें।
- पवित्र नदी में स्नान: गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर संभव न हो, तो घर पर ही गंगाजल मिले पानी से स्नान करें।
- पूजा का संकल्प: स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा का संकल्प लें।
- पूजा सामग्री: पूजा स्थल पर पीले वस्त्र बिछाएं और भगवान विष्णु, लक्ष्मी और शिव की प्रतिमा स्थापित करें।
- अभिषेक और आरती: तिल, दूध, दही और शहद से भगवान का अभिषेक करें। धूप, दीप और फूल अर्पित करें।
- दान-धर्म: गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करें।
- चंद्रमा की पूजा: शाम को चंद्रोदय के समय चंद्रमा की पूजा करें और ब्राह्मण को दूध, दही, शक्कर, चावल आदि का दान करें।
माघ पूर्णिमा पर क्या दान करें?
- अन्न दान: गेहूं, चावल, दाल आदि।
- वस्त्र दान: नए कपड़े।
- गाय दान: गाय दान करने से विशेष पुण्य मिलता है।
- तिल दान: तिल और तिल से बने पदार्थ दान करें।
- धन दान: जरूरतमंदों को धन दान करें।
माघ पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व
माघ पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान, दान और पूजा करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का सबसे अच्छा अवसर है।
- इस दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
- पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराने का विशेष महत्व है।
- माघ पूर्णिमा का पर्व मनाकर आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर सकते हैं।