Ganga Dusehra 2025: गंगा का धरती पर अवतरण क्यों हुआ, जानें पूरी कहानी
Ganga Dussehra 2025 : हिन्दू कैलेंडर के तीसरे मास यानी कि ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है। गंगा दशहरा का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही खास पर्वों में से एक पर्व माना जाता है।
कहा जाता है कि पौराणिक काल में मां गंगा का इसी दिन धरती पर अवतरण हुआ था। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम के पूर्वज महाराज सगर ने एक बार अश्वमेध यज्ञ किया था और उस यज्ञ के घोड़े को देवताओं के राजा इंद्र ने चुरा लिया और पाताल में कपिल मुनि के आश्रम में ले जाकर बांध दिया। राजा सगर के साठ हजार पुत्र थे, वे विशाल सेना लेकर घोड़े की खोज में निकल गए, किन्तु धरती पर उन्हें कहीं भी यज्ञ का घोड़ा नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने धरती की खुदाई प्रारंभ कर दी, जिसके बाद वे पाताल लोक में कपिल मुनि के आश्रम जा पहुंचे।
कपिल मुनि के आश्रम में यज्ञ का घोड़ा देखकर उन्होंने ऋषि का बहुत अपमान किया। जिसके पश्चात कपिल मुनि को कोध्र आ गया और उन्होंने श्राप से राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को एक पल में ही भस्म कर दिया। इसके पश्चात राजा सगर ने कपिल मुनि की वंदना की और अपने पुत्रों की असमय मृत्यु से उनके उद्धार का उपाय पूछा।
ऋषि ने प्रसन्न होकर कहा कि हे राजन अगर देवलोक से मां गंगा को धरती पर लाया जाए और मां गंगा इसी रास्ते से पाताल लोक यानि समुद्र में मिल जाएं तो आपके पुत्रों का उद्धार हो सकता है। इसके बाद राजा सगर ने कई वर्षों तक कठोर तप किया और उनके बाद उनके कई वंशजों ने कठोर तप किया, लेकिन कोई भी मां गंगा को धरती पर लाने में सफल नहीं हुआ।
कई पीढ़ियों के बाद राजा सगर के कुल में भागीरथ नाम के धर्मात्मा राजा पैदा हुए। उन्होंने भी अपने पूर्वजों कि भांति ही कठोर तपस्या की और मां गंगा को धरती पर लाने में सफल हुए।
Ganga Dussehra 2025 : गंगा दशहरा कब है, जानें इसकी सही तिथि और महत्व
Ganga Dussehra 2025 : गंगा दशहरा का त्योहार हर साल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी का मनाया जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर जन्म हुआ। पौराणिक काल से ही हिंदू धर्म में मां गंगा का विशेष महत्व माना जाता है। कोई भी धार्मिक अनुष्ठान बिना गंगाजल के पूर्ण नहीं किए जाते हैं। मान्यता है कि गंगा स्नान करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। स्कंद पुराण की माने तो गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान, दान और ध्यान करने से मनुष्य को कई पर के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है और पापकर्माें से मुक्ति मिलती है। तो आइए जानते हैं साल 2025 में गंगा दशहरा कब है...
गंगा दशहरा 2025
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गंगा दशहरा ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है और अग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि पांच जून को पड़ रही है। इसीलिए साल 2025 में गंगा दशहरा पांच जून को मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा पंचांग
दशमी तिथि प्रारंभ : 04 जून रात्रि 11:54 बजे से
दशमी तिथि समाप्त : 06 जून रात्रि 02:15 बजे
नक्षत्र : हस्त नक्षत्र
हस्त नक्षत्र प्रारंभ : 05 जून सुबह 03:35 बजे से
हस्त नक्षत्र समाप्त : 06 जून सुबह 06:34 बज
गंगा दशहरा महत्व
गंगा दशहरा के पर्व का हिंदू सनातन धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि इस दिन स्नान-दान और अनुष्ठान करने से व्यक्ति को अनेकों यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इसीलिए गंगा दशहरा के दिन अगर आप गंगा पर जाकर स्नान-दान आदि नहीं कर सकते हैं तो आप किसी पवित्र नदी, सरोवर आदि में स्नान जरुर करें। ऐसा करने से आपको पुण्य की प्राप्ति होगी और आपके कई जन्मों के पापों से आपको मुक्ति मिल सकती है। कहा जाता है कि पौराणिक काल में राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को भी गंगा के प्रताप से ही मुक्ति मिली थी।