सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. अगर आप ने भी अपनी बेटी के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुलवा रखा है तो अब आप उसे ट्रांसफर कर सकते हैं. सरकार ने इस खाते की ट्रांसफर प्रक्रिया को अब और भी आसान बना दिया है. इसके लिए अब आप को सबसे पहले वर्तमान बैंक किया डाकघर में नई शाखा के प्रति को अपडेट कराने के लिए रिक्वेस्ट देना होगा. सुकन्या समृद्धि योजना में बकाया राशि और खाता ट्रांसफर के लिए वर्तमान बैंक या डाकघर खाते की प्रमाणित प्रति, खाता खोलने का आवेदन, हस्ताक्षर आदि सहित मूल कागजी कार्रवाई करते हुए नई बैंक शाखा के पते पर चेक या मनी ऑर्डर के साथ भेज देगा.
आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक शाखा में स्थानांतरण दस्तावेज प्राप्त होने के बाद ग्राहक को केवाईसी दस्तावेजों के नए सेट के साथ नया सुकन्या खाता खोलने का फॉर्म जमा करना होगा. इसके बाद आपका सुकन्या खाता ट्रांसफर हो जाएगा. नई प्रक्रिया के तहत अब खाताधारक को परेशान होने की जरूरत नहीं होगी.
सुकन्या योजना में मिल रहा इतना ब्याज :
सरकार ने जनवरी-मार्च 2023 तिमाही के लिए कुछ छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की है. हालांकि पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरों में इस तिमाही के लिए कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. सुकन्या योजना पर अब तक 7.6 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है. सुकन्या योजना का खाता ट्रांसफर करने की प्रक्रिया काफी आसान और सरल हो गई है.
बता दें कि सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) विशेष रूप से लड़कियों को लाभ देने के लिए संचालित की जा रही है. यह योजना माता-पिता को अपनी बालिका की उच्च शिक्षा या विवाह के साथ-साथ उसके वित्तीय भविष्य को सुनिश्चित करने में मदद करेती है, क्योंकि यह गारंटी के साथ ब्याज इनकम और टैक्स छूट प्रदान करती है.
सुकन्या खाता खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज :
सुकन्या खाता खोलने का फॉर्म.
बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, जिस पर बच्चे का नाम हो.
बालिका के माता-पिता/कानूनी अभिभावक की तस्वीर.
माता-पिता/ अभिभावक के केवाईसी दस्तावेज (पहचान और पता प्रमाण).
सुकन्या योजना के फायदे :
- खाता खोलते समय बेटियों की उम्र आयु 10 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए.
- खाता मेच्योरिटी अवधि खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष तक है.
- अधिकतम अवधि जब तक राशि जमा की जा सकती है- खाता खोलने की तारीख से 14 वर्ष तक.
- आईटी अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत लागू है. ट्रिपल टैक्स बेनिफिट – प्रिसंपल अमाउंट, अर्जित ब्याज के साथ-साथ मेच्योरिटी राशि टैक्स मुक्त है.
- जमाकर्ता की मृत्यु की स्थिति में या गहन अनुकंपा औचित्य से जुड़ी स्थितियों में जैसे कि जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा करने वाली स्थितियों के लिए चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता के लिए खाता बंद किया जा सकता है.
- प्रति वर्ष न्यूनतम राशि के साथ प्रति वर्ष 50 रुपए के जुर्माने का भुगतान करना होगा.
- 18 वर्ष की आयु के बाद शादी के उद्देश्य से खाते में मौजूद राशि का 50 फीसदी तक निकाला जा सकता है. बाकी पैसा 21 साल पूरे होने पर निकेल सकेंगे.