One Rank One Pension Scheme: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को रक्षाबलों के कर्मियों एवं परिवार पेंशनधारकों के लिये ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (OROP) के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी.
One Rank One Pension Revision Revision: वन रैंक वन पेंशन स्कीम (One Rank One Pension) के तहत मोदी सरकार ने पेंशन को रिवाइज करने पर मुहर लगा दी है। इससे सेना से जुड़े 25 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा होगा। सरकार का कहना है कि OROP के रिवाइज होने से युद्ध में मारे गए सैनिकों की विधवाओं के साथ विकलांग हुए सैनिकों के साथ फैमिली पेंशनर्स को भी फायदा मिलेगा।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि वन रैंक, वन पेंशन कई दशकों तक पूर्व सैनिक मांगते रहे, लेकिन कभी किसी सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद वन रैंक, वन पेंशन लागू करने का निर्णय लिया गया।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) ने बताया कि 1 जुलाई 2014 के बाद हुए रिटायर हुए सुरक्षा कर्मियों को मिलाकर OROP के लाभार्थियों की संख्या 25 लाख 13 हजार 2 हो गई है। 1 अप्रैल 2014 से पहले यह संख्या 20 लाख 60 लाख 220 थी।
केंद्रीय मंत्री (Union Minister) ने कहा कि इससे सरकार पर अतिरिक्त भार 8,450 करोड़ रुपये का पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जिन रक्षा कार्मिकों ने 1 जुलाई 2014 के बाद अपनी इच्छा से सेवानिवृत्त लिया है उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा।
अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने बताया कि वन रैंक वन पेंशन का रिवीजन किया गया है। पहले 20.60 लाख पेंशनरों को लाभ मिलता था। अब रिवीजन के बाद 25 लाख पेंशनर हो गए हैं। सरकार पर 8450 करोड़ का भार पड़ेगा।
जुलाई, 2019 से जून, 2022 के के बीच का एरियर भी दिया जाएगा: अनुराग ठाकुर
ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि इसे एक जुलाई, 2019 से लागू किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जायेगा जिसके मद में 23,638.07 करोड़ रूपये की राशि बनती है। उन्होंने कहा इसका लाभ सभी रक्षा बलों से सेवानिवृत होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 81.3 करोड़ गरीबों को राशन देने का फैसला
इसके साथ ही मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 81.3 करोड़ गरीबों को एक साल तक मुफ्त राशन देने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 81.3 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज का वितरण एक साल तक करने का फैसला किया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को मुफ्त राशन देने पर करीब दो लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी।