किसानों के कर्ज माफी योजना को लेकर एक बार फिर बड़ी अपडेट सामने आई है। देशभर के कई राज्यों में किसान कर्ज के बोझ तले जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकार के सामने एक बड़ा विकल्प उनकी कर्ज माफी को लेकर है। कई राज्यों में चुनाव है ऐसे में चुनावी माहौल को देखते हुए कर्ज माफी योजना को लागू करना तय माना जा रहा हैं।
किसान कर्ज माफी मध्यप्रदेश के लिए एक बड़ा मुद्दा रहा है. यह साल 2018 के विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक हावी है. मध्य प्रदेश में डिफाल्टर किसानों की संख्या करीब 12 लाख है. हाल ही में पीसीसी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार में लाखों किसानों का कर्ज माफ हुआ है और हमारी सरकार बनेगी तो किसानों का कर्ज माफ होगा.
वर्तमान में किसान प्रदेश सरकार की ब्याज मुक्त अल्पावधि ऋण योजना का फायदा ले रहे हैं. यह लोन खरीफ और रबी फसलों के लिए दिया जाता है, लेकिन जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की उतनी रिकवरी नहीं है जितनी होनी चाहिए.
किसानों पर बैंकों का कुल 19417 करोड़ रुपए बकाया है और इसी बकाया राशि को नहीं चुका पाने वाले किसानों को डिफाल्टर किसान कहा गया है. अब देखना ये है कि साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सरकार की किसान हितैषी योजनाओं और डिफाल्टर किसानों को कर्ज की राशि चुकाने पर ब्याज नहीं देने की सुविधा देने वाली सरकार असर डालती है या फिर कांग्रेस का किसान कर्ज माफी का वादा असर करता है.