Job Card Alert : 1.84 करोड़ मनरेगा मजदूरों का रद्द हो सकता है जॉबकार्ड.

आधार से लिंक नहीं होने पर क्या होगा :

  • प्रधानमंत्री आवास योजना लेने में लाभार्थियों को परेशानी हो सकती है
  • जॉबकार्ड रहने के बावजूद रोजगार लेने और बैंक में राशि आने में परेशानी
  • वैसे मजदूर जिन्हें आपदा के समय राशि दी जाती है, उस समय दिक्कत हो सकती है
  • श्रमिक क्षतिपूर्ति राशि का लाभ लेने से वंचित हो सकते हैं

बिहार में एक करोड़ 84 लाख से अधिक मनरेगा मजदूरों का आने वाले दिनों में भुगतान बंद हो सकता है। ये ऐसे मजदूर हैं, जिनका जॉबकार्ड तो बना है, लेकिन उनके पास आधारकार्ड नहीं है। इनमें सबसे अधिक मजदूर ऐसे हैं, जो राज्य के बाहर रोजगार के लिए गए हैं या फिर मनरेगा में पिछले तीन सालों से सक्रिय नहीं हैं। मनरेगा के तहत बनाए गए जॉबकार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बाद यह तथ्य सामने आया है। फिलहारल जॉबकार्ड को आधार से लिंक करने पर तेजी से काम हो रहा है। 26 जनवरी तक इसकी समय सीमा है। समय रहते मजदूरों का जॉबकार्ड, आधार से लिंक नहीं हुआ तो उनके रोजगार पर संकट आ जाएगा। इसे लेकर अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे हैं, क्योंकि बगैर आधारकार्ड के बने जॉबकार्ड धारकों से संपर्क करना भी मुश्किल हो रहा है।

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अधिकारियों का कहना है कि नयी गाइडलाइन के अनुसार मनरेगा के तहत रोजगार या योजना का लाभ तभी मिलेगा जब मजदूरों का जॉबकार्ड आधार से लिंक होगा। प्रदेश में

1,16,24, 968 ऐसे मजदूर हैं जिनका अलग-अलग बैंकों में खाता खुला है। खाता खुलवाने वालों में सबसे अधिक पश्चिम चंपारण के 4,61,571 मजदूर हैं। लेकिन प्रदेश में पिछले तीन साल से सक्रिय मनरेगा मजदूरों की संख्या 95,64 ,132 है। इनमें अब तक 86,65 ,317 का ही जॉबकार्ड आधार से लिंक हो पाया है।

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फर्जी जॉबकार्ड रखने वालों की होगी पहचान जॉबकार्ड को आधारकार्ड से लिंक किया जा रहा है। इससे यदि किसी के पास एक से अधिक जॉबकार्ड है, तो उसकी पहचान हो जाएगी। दोहरे या उससे अधिक कार्डधारकों की अलग सूची भी बनेगी। आधार कार्ड से लिंक होने के बाद राज्य में मनरेगा मजदूरों की संख्या कम हो सकती है। मनरेगा मजदूरों की संख्या के आधार पर ही उसके अनुसार बजट तैयार किया जाता है। अधिकारियों का कहना है कि नई व्यवस्था के बाद मजदूरों का फर्जी तरीके से बनाए जॉबकार्ड रद्द हो जाएंगे। इससे मजदूरों की संख्या कम हो सकती है, क्योंकि अधिकतर मजदूरों के पास एक से अधिक जॉबकार्ड है।

पांच जिलों में बिना आधार के अधिक हैं जॉबकार्ड, मधुबनी एक नंबर पर :

प्रदेश में पांच जिले ऐसे हैं, जहां सबसे अधिक बगैर आधारकार्ड के मजदूरों का जॉबकार्ड है। इसमें सबसे अधिक मधुबनी जिले में 9,02 ,126, दरभंगा में 8,95,867, समस्तीपुर में 8,48 ,107, मुजफ्फरपुर में 8,25 ,143, गया जिले में 8,10,247 मनरेगा मजदूर हैं। इन जिलों में अधिकतर मजदूर ऐसे हैं, जो पिछले तीन साल से सक्रिय नहीं हैं। ऐसे में या तो ये मजदूर रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में हैं या अपने व्यक्तिगत तौर पर कोई काम कर रहे हैं।

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