बिहार एक ऐसा प्रदेश है जिसका एक हिस्सा बरसात के दौरान बाढ़ की चपेट में आ जाता है, तो वहीं दूसरे हिस्से में पानी की किल्लत रहती है. इससे हजारों हेक्टेयर में लगी फसलों को नुकसान पहुंचता है. उत्तरी बिहार के अररिया, किशनगंज और कटिहार सहित कई जिले अधिक बारिश होने पर बाढ़ के भेंट चढ़ जाते हैं. जबकि, गर्मी के मौसम में गया, औरंगाबाद , जहानाबाद और नवादा जिले में पानी की किल्लत रहती है. इन जिलों में गर्मी के मौसम में कुएं तक सूख जाते हैं. ऐसे में किसानों को फसलों की सिंचाई करने में काफी परेशानी होती है. लेकिन अब किसानों को सिंचाई को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है.
दरअसल, बिहार सरकार ने नलकूप लगाने के लिए सब्सिडी का ऐलान किया है. खास बात यह है कि सूक्ष्म सिंचाई के तहत राज्य सरकार ने किसानों को सब्सिडी देने का ऐलान किया है. कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत का कहना है कि साल 2024 तक प्रदेश में 4500 व्यक्तिगत नलकूप लगाए जाएंगे. इसके लिए किसानों को सब्सिडी दी जाएगी. इससे 25000 एकड़ भूमि को समय पर पानी मिल सकेगा. ऐसे में किसान किसी भी मौसम में पारंपरिक के साथ- साथ बागवानी फसलों की भी खेती कर सकेंगे.
राज्य सरकार किसानों को मार्च- 2024 तक अनुदान पर देगी 4,500 व्यक्तिगत नलकूप। @KumarSarvjeet6 @saravanakr_n @dralokghosh @HorticultureBih @IPRD_Bihar pic.twitter.com/RN5jerdgCJ
— Agriculture Department, Govt. of Bihar (@Agribih) May 27, 2023
ट्यूबवेल के सहारे सिंचाई का संकट हो सकता है दूर
बिहार के कई हिस्से हर साल बाढ़ से प्रभावित रहते हैं. वहीं, कई जिलों में भयंकर सूखा पड़ता है. दोनों ही स्थितियों में किसानों की फसल को भारी नुकसान होता है. ऐसे में किसान ट्यूबवेल के सहारे अपनी फसल की सिंचाई की समस्या को निपटा सकते हैं.
ड्रिप सिंचाई तकनीक पर 90 प्रतिशत सब्सिडी
सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई तकनीक, मिनी और माइक्रो स्पिंकलर के अतिरिक्त पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को सरकार प्रेरित कर रही है. इस सिंचाई तकनीक अपनाने लिए किसानों को अतिरिक्त टप-अप राशि के जरिए 90 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराया जा रहा है.
नलकूप पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी
बिहार सरकार ने सात निश्चय-2 योजना के तहत ड्रिप सिंचाई तकनीक अपनाने वाले न्यूनतम पांच किसानों के समूह द्वारा कम से कम ढाई हेक्टेयर में खेती के लिए बड़े और सीमांत किसानों को जल स्त्रोत के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी (210 फीट गहराई तक) पर सामूहिक नलकूप की व्यवस्था की गई है.
किसानों को सिर्फ 20 प्रतिशत राशि का करना होगा भुगतान
इस योजना के माध्यम से सरकार राज्य के जरूरतमंद किसानों को बोरिंग कराने के लिए 80% तक की सब्सिडी प्रदान करती है. किसान समूह मात्र 20% की लागत राशि का भुगतान करके बोरिंग करा सकते हैं .उदाहरण के तौप पर अगर बोरिंग कराने में 50000 रुपये का खर्चा आता है तो इसमें 40000 रुपये सरकार द्वारा दिए जाएंगे बाकी के 10000 रुपये किसान समूह को खर्च करने होंगे. अगर 10 किसानों का समूह एक बोरिंग करवाता है तो उनमें से प्रत्येक को मात्र 1000-1000 रुपये ही देने होंगे.
किसानों को ये लाभ 24 मार्च 2024 तक दिए जाएंगे. इसके लिए किसानों को बिहार बागवानी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा.