e-Shram Yojana: केंद्र सरकार की ओर से असंगठित क्षेत्र केलोगों को आर्थिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से 2020 में ई-श्रम पोर्टल (e-SHRAM portal) लॉन्च किया गया था. इसमें असंगठित में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति, जिसे ESIC और EPFO का लाभ नहीं मिलता है, अपना पंजीकरण करा सकता है. इसमें बड़ी बात यह है कि ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा एक असंगठित क्षेत्र के लोगों का डाटा तैयार किया है, जिसके माध्यम से केंद्र सरकार असंगठित क्षेत्र के लोगों तक महामारी और आपातकालीन स्थिति में आसानी मदद पहुंचा सकती है. ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण आधार कार्ड के माध्यम से किया जा सकता है. इसमें असंगठित क्षेत्र के लोगों का कार्य, नाम, पता, शिe-Shram Yojanaक्षा, स्किल और परिवार के बारे में जानकरी होती है. अब तक 28.46 करोड़ लोग को ई-श्रम कार्ड जारी हो चुके हैं.
मजदूरों को मिलता है फायदा :
सरकार ने असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल भी लॉन्च किया है. ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों का डेटाबेस एकत्र करना है ताकि उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा सके. असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति को श्रमिक कार्ड या ई-श्रम कार्ड (e-Shram Card) के लिए आवेदन करना होता है. इस कार्ड की मदद से मजदूरों को काफी फायदा मिलता है.
सरकारी योजनाओं तक पहुंच :
ई-श्रम कार्ड के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और कामगारों को 60 वर्ष के बाद पेंशन, मृत्यु बीमा, अक्षमता की स्थिति में वित्तीय सहायता आदि विभिन्न लाभ मिल सकते हैं. ई-श्रम कार्ड का उद्देश्य ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से सभी नई सरकारी योजनाओं और सुविधाओं तक असंगठित श्रमिकों की पहुंच प्रदान करना है.
ई-श्रम कार्ड के लाभ :
1) इसका उद्देश्य असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभों को लागू करना है जो श्रम और रोजगार मंत्रालय और अन्य परस्पर जुड़े मंत्रालयों के जरिए लागू है.
2) जिस व्यक्ति के पास ई-श्रम कार्ड है, वह प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 2 लाख के दुर्घटना बीमा कवर का हकदार है. ऐसे में उन्हें लाखों के बीमा का फायदा भी मिलता है.
3) ई-श्रम पोर्टल असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाए रखेगा.
4) इस योजना के तहत दिए जाने वाले सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ इस पोर्टल के माध्यम से सीधे असंगठित श्रमिकों तक पहुंचाए जाएंगे.