Bihar Satat jivikoparjan Yojana : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बे वजह ताड़ी से जुड़े लोगों को मत पकड़िए. यूं ही हम किसी को पकड़ने के लिए नहीं कह रहे हैं. इस धंधे में लगे लोगों को सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत एक लाख रुपए की मदद का ऑफर दीजिए.
Bihar News : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार शराब का धंधा छोड़ने वालों को 1 लाख रुपये जीविकोपार्जन के लिए देगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केवल शराब ही नहीं बल्कि ताड़ी बेचने वालों पर भी ये स्कीम लागू होगा अगर वो ताड़ी का धंधा छोड़ कर नीरा बनाने का धंधा करते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शराब के मामले में गिरफ्तारी तो हो रही है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी हो रही है जो शराब पीते हैं. सीएम ने कहा कि राज्य में उनकी गिरफ्तारी कम हो रही है जो शराब का धंधा करते हैं. उक्त बातें मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति दिवस पर पटना के ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कही. अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से कहा कि ताड़ी के धंधे में लिप्त लोग यह काम छोड़कर नीरा निर्माण में अभी से ही लग जाए तो सरकार उन्हें एक लाख रुपए की सहायता देगी.
बता दें कि ‘सतत जीविकोपार्जन योजना’ उन सभी गरीब परिवार के लिए है जो परिवार हाशिए पर हैं और सरकार की किसी योजना से अभी तक नहीं जुड़े है उन सभी को इस योजना से जोड़ा जाएगा. सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ पाकर अत्यंत गरीब, बेसहारा और ताड़ी का धंधा छूटने वाले सबल होंगे. इस योजना में महिलाओं को भी रोजगारी बना उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने पर फोकस किया जा रहा है.
सतत जीविकोपार्जन योजना में मुफ्त मिलते एक लाख रुपए :
इस योजना के तहत गरीब एवं बेसहारा लोगों के जीविकोपार्जन के लिए तीन किस्त में निवेश की राशि दी जाती है. पहली किस्त में 20 हजार रुपए दिए जाते हैं. इस तरह अधिकतम एक लाख रुपए रोजगारी बनाने के लिए मुफ्त में दिए जाते हैं. जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि जिसके पास आमदनी का कोई स्रोत नहीं है और खाना तक नसीब नहीं हो रहा उस तरह के लोगों को चिह्नित करते स्वावलंबी (आत्मनिर्भर) बनाने के लिए सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिया जा रहा है.
जीविका की ग्राम संगठन करता है चयन :
तत जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभुकों का चयन जीविका समूह की ग्राम संगठन करता है. चयनित लाभुकों को किस तरीके से काम किया जाय इसे बताने के लिए मास्टर रिसोर्स पर्सन पांच दिवसीय प्रशिक्षण देते हैं.
सीएम नीतीश ने खड़े किए सवाल :
नीतीश कुमार ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि असली धंधेबाज कहां पकड़ा जाता है? वो तो बाहर नहीं निकलता है. गरीब लोगों को बाहर भेजकर होम डिलीवरी कराता है. गरीब गुरबा को पकड़ने की जरूरत नहीं है. जो गरीब थोड़ा बहुत शराब या ताड़ी बेचते हैं उनके लिए हम ये स्कीम लाए हैं.
‘एक लाख की मदद का ऑफर दीजिये’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में ताड़ी की खास तौर पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बे वजह ताड़ी से जुड़े लोगों को मत पकड़िए. यूं ही हम किसी को पकड़ने के लिए नहीं कह रहे हैं. इस धंधे में लगे लोगों को सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत एक लाख रुपए की मदद का ऑफर दीजिए. सरकार की इस योजना के तहत 40,893 परिवार ने लाभ लेकर गोपालन, बकरीपालन, मुर्गीपालन व शहद का काम किया.
‘पीने वालों को नहीं, इन्हें करें गिरफ्तार…’ – मुख्यमंत्री :
बताते चलें कि बिहार में 2016 से शराबबंदी है. तब से अबतक 4 लाख लोग इस कानून के तहत गिरफ्तार हो चुके हैं. इसी महीने में शराबबंदी की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मद्य निषेध विभाग को कहा था कि वो शराब पीने वालों की बजाए शराब का धंधा करने वालो को पकड़ें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर कुछ बड़े लोग मेरे द्वारा जितने काम किए गए हैं, उसकी चर्चा नहीं करते. मुझे इसकी परवाह नहीं है. उन्होंने पुलिस व प्रशासन से जुड़े लोगों को कहा कि समाज सुधार के अभियान को निरंतर जारी रखिए. इस बारे में जुड़ी पुस्तिका एक-एक घर में पहुंची है. पूरे तौर पर इस काम में लगेंगे तो राज्य आगे बढ़ेगा. मुख्यमंत्री ने बापू की चर्चा करते हुए कहा कि बापू ने कहा था कि शराब बुरी चीज है. जिस व्यक्ति ने देश को आजादी दिलायी क्या उनकी बात नहीं मानेंगे.
बिहार में शराबबंदी के बाद भी धड़ल्ले से बिकती है शराब :
आए दिन बिहार से शराब के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे खबरें बिहार सरकार की नीति पर सवाल खड़ी करती हैं. बिहार पुलिस इस मामले में एक्शन भी लगातार लेती है तो गरीब लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाता है. इसी से बचने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह ऐलान किया है.