शास्त्रों के अनुसार, शिवरात्रि हर माह आती है, परंतु महाशिवरात्रि वर्ष में एक बार मनाई जाती है।

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जब सूर्य कुम्भ राशि में स्थित होता है और चंद्रमा त्रयोदशी तिथि पर शनि की राशि में प्रवेश करता है, तब महाशिवरात्रि मनाई जाती है।
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सूर्य (आत्मा का प्रतीक) और शनि (त्याग एवं संन्यास का प्रतीक) का योग, इस दिन को विशेष बनाता है।
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चंद्रमा, जो मन का प्रतीक है, जब शनि की राशि में स्थित होता है, तब यह समय आत्म-चिंतन और शिव भक्ति के लिए सर्वोत्तम होता है।
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महाशिवरात्रि का जल फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी 2025 को प्रातः 11:08 बजे से आरंभ होगा और इसका समापन 27 फरवरी 2025 को प्रातः 8:54 बजे पर होगा।
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