Navratri 2021: कलश स्थापना मुहूर्त, देखें मां नवदुर्गा पूजन सामग्री सूची

इस वर्ष 7 अक्टूबर 2021, गुरुवार आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो रहा है। इन दिनों प्रतिपदा से नवमी तक देवी दुर्गा के नौ रूपों का पूजन होता है। नवरात्रि कलश स्थापना के लिए कई आवश्यक सामग्रियों की जरूरत होती है।

आइए जानते हैं मां नवदुर्गा पूजन की सामग्री की सूची और कलश स्थापना के सबसे खास मुहूर्त-
नवरात्रि पूजन की सामग्री सूची-

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मां दुर्गा की प्रतिमा अथवा फोटो, सिंदूर, केसर, कपूर, धूप, दर्पण, कंघी, कंगन या चूड़ी, सुगंधित तेल, चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, लाल चुनरी, आसन, नारियल, आम के पत्तों का वंदनवार, दीपक, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, कलावा, लोबान, गुग्गल, लौंग, कमल गट्टा, हवन कुंड, बेलपत्र, जौ, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, धूप, अगरबत्ती, माचिस, कलश, अक्षत, गुलाल, कुमकुम, गंगा जल, चंदन, मौली, श्रृंगार का सामान, झंडा, लौंग, इलायची, आम के पत्‍ते, पुष्प, रोली, मौली, फूलों का हार, 7 तरह के अनाज, चौड़े मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन, आम या अशोक के पत्ते, पान के पत्ते, मेहंदी, बिंदी, बताशे या मिश्री, उपले, फल, मिठाई, साबुत सुपारी, हल्दी की गांठ, नैवेद्य, शहद, शकर, जायफल, पिसी हुई हल्दी, पांच मेवा, घी/ तेल, दुर्गा चालीसा व आरती की किताब, दुर्गा सप्‍तशती किताब आदि।

घटस्थापना के

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सबसे शुभ मुहूर्त-

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन 07 अक्टूबर, गुरुवार को कलश स्थापना की जाएगी। जिसका सबसे खास मुहूर्त सुबह 06.17 मिनट से सुबह 07.07 मिनट तक ही है। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त 11.51 मिनट से दोपहर 12.38 मिनट के बीच है। इस मुहूर्त में घटस्थापना करना लाभकारी रहेगा। पंचांग के मत-मतांतर के चलते शारदीय नवरात्रि दुर्गा पूजा कलश स्थापना का अन्य मुहूर्त सुबह 06:06 मिनट से 10:03 मिनट पर भी बताया जा रहा है, जिसकी अवधि 03 घंटे 57 मिनट तक रहेगी।

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अन्य मुहूर्त-

इस बार गुरुवार को घट स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र, विष कुंभ और कन्या राशि में चर्तुग्रही जैसे योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन चित्रा वैधृति योग का निषेध होने से कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त में करना भी विशेष फलदायी होगा। अगर इस मुहूर्त में घट स्थापना नहीं कर पाए हैं घबराने की बात नहीं आप दोपहर 12.14 मिनट से दोपहर 01.42 मिनट तक लाभ के चौघड़िया में और 1.42 मिनट से शाम 03.09 मिनट तक अमृत के चौघड़िया में पूजन कर सकते हैं।

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