ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) आज 12 जून दिन रविवार को है. इस रवि प्रदोष व्रत के दिन दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन शिव योग और सिद्ध बन रहे हैं. ये दोनों ही योग शुभ मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं. रवि प्रदोष व्रत रखने से उत्तम स्वास्थ्य, आरोग्य और लंबी उम्र प्राप्त होती है. वैसे प्रदोष व्रत रखने से भगवान अपने भक्तों को धन, आयु, बल, पुत्र, सुख, सौभाग्य आदि प्रदान करते हैं. इस बार 12 जून को प्रदोष पूजा के लिए दो घंटे का शुभ समय प्राप्त हो रहा है.
प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त 2022
रवि प्रदोष को शाम 07:19 बजे से रात 09:20 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस दिन आप भगवान को प्रसन्न करके अपने मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं. प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय में ही की जाती है. इस रात रवि योग 11:58 बजे से अगली सुबह 05:23 एएम तक है.
प्रदोष व्रत तिथि 2022
ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 12 जून, रविवार, 03:23 एएम से
ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी तिथि का समापन: 13 जून, सोमवार, 12:26 एएम पर
हर माह की त्रयोदशी तिथि पर ही प्रदोष व्रत रखा जाता है.
रुद्राभिषेक का समय
प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक के लिए शिववास देखा जाता है. उस दिन यदि शिववास है, तभी रुद्राभिषेक कराया जा सकता है. 12 जून को शिववास नंदी पर देर रात 12 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है. नंदी पर विराजमान शिव का रुद्राभिषेक करना शुभ माना जाता है.
12 जून को जब त्रयोदशी तिथि प्रारंभ हो रहा है यानी 03:23 एएम से भी शिववास कैलाश पर हो रहा है. कैलाश पर शिववास के समय भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं.
प्रदोष व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रयोदशी तिथि पर शाम के समय में भगवान शिव कैलाश पर्वत पर प्रसन्न होकर नृत्य करते हैं. इस वजह से शाम को प्रदोष मुहूर्त में शिव कृपा प्राप्त करने के लिए शिव पूजा करते हैं.