आज मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) व्रत है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु ने मोहिनी स्वरूप धारण किया था, इसलिए यह एकादशी मोहिनी एकादशी के नाम से प्रसिद्ध है. मोहिनी एकादशी व्रत रखने और भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से पाप, कष्ट, लोभ एवं मोह नष्ट हो जाते हैं. विष्णु कृपा से उनके लोक में स्थान प्राप्त होता है. जो व्यक्ति सिर्फ मोहिनी एकादशी व्रत कथा को सुन लेता है या पढ़ लेता है, उसे 1000 गाय दान करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है.
मोहिनी एकादशी 2022
वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि की शुरुआत: 11 मई, बुधवार, शाम 07:31 बजे से
वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि की समाप्ति: 12 मई, गुरुवार, शाम 06:52 बजे
मोहिनी एकादशी 2022 मुहूर्त
मोहिनी एकादशी वाले दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 32 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 30 मिनट तक है. ऐसे में आज आप सुबह 05:32 बजे से मोहिनी एकादशी व्रत की पूजा कर सकते हैं. आज का अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है.
मोहिनी एकादशी पूजा मंत्र
ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:
मोहिनी एकादशी पारण
आज जो मोहिनी एकादशी का व्रत हैं, वे कल 13 मई को सूर्योदय के बाद पारण कर सकते हैं. इस दिन आप करीब सवा आठ बजे तक पारण कर लें.
मोहिनी एकादशी का भोग
मोहिनी एकादशी के दिन आप भगवान विष्णु को मखाने का खीर भोग लगाएं. उनको खीर बहुत प्रिय है.
मोहिनी एकादशी व्रत एवं पूजा विधि
1. आज प्रात: स्नान के बाद मोहिनी एकादशी व्रत एवं भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प करें.
2. उसके बाद शुभ मुहूर्त में पूजा पाठ करें. भगवान विष्णु का पंचामृत से स्नान कराएं. फिर उनको चंदन, अक्षत्, फूल, फल, वस्त्र, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें.
3. अब आप भगवान विष्णु को मखाने की खीर का भोग लगाएं. इस दौरान ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का उच्चारण करते रहें.
4. इसके पश्चात विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा और मोहिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें. पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करें.
5. रात्रि के समय में भगवत जागरण करें और अगले दिन सुबह पारण करके व्रत को पूरा करें.