Mauni Amavasya 2023 : जान लें मुहूर्त, व्रत और पूजा विधि, पितृ दोष उपाय आज मौनी अमावस्या पर.

Mauni Amavasya 2023: आज 21 जनवरी को मौनी अमावस्या का व्रत है. आज सुबह से ही गंगा सहित सभी पवित्र नदियों में लोग स्नान कर रहे हैं. उसके बाद सूर्य देव, भगवान विष्णु, पितर देव, शनि देव की पूजा कर रहे हैं. शनि देव की पूजा इसलिए हो रही है क्योंकि आज मौनी अमावस्या के साथ शनि अमावस्या भी है. आज के दिन मौन व्रत रखने या फिर कम से कम बोलने की कोशिश करते हैं. भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना कल्याणकारी होता है. भगवान विष्णु के आशीर्वाद से मोक्ष प्राप्त होता है. मौनी अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के भी उपाय किए जाते हैं. जानते हैं मौनी अमावस्या के मुहूर्त, पितृ दोष उपाय, व्रत और पूजा विधि के बारे में.

मौनी अमावस्या 2023 मुहूर्त

माघ अमावस्या तिथि का प्रारंभ: आज, सुबह 06:17 बजे से

माघ अमावस्या तिथि का समापन: कल, तड़के 02:22 बजे पर

स्नान-दान का समय: सूर्योदय काल से

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:27 बजे से सुबह 06:20 बजे तक

मौनी अमावस्या व्रत और पूजा विधि

1. प्रात: स्नान के बाद सबसे पहले सूर्य देव का अर्घ्य दें. जल में काला तिल, फूल, लाल चंदन मिलाकर जल अर्पित करें.

2. इसके बाद पितरों को जल से तर्पण दें. पितरों को जल से तृप्त करना चाहिए. इससे वे सुख और शांति का आशीर्वाद देंगे.

3. अब आप भगवान विष्णु का पूजन करें. उनको पीले फूल, पंचामृत, तुलसी के पत्ते, वस्त्र, अक्षत्, हल्दी, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें. इस दौरान ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का उच्चारण करें.

यह भी पढ़े :  Love Rashifal : 22 August 2022 : आपके प्यार और दांपत्य जीवन के लिए कैसा रहेगा आज का दिन.

4. विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा और मौनी अमावस्या व्रत कथा का पाठ करें. इससे आपके दुख दूर होंगे और मनोकामना की पूर्ति होगी.

5. आज शनि अमावस्या भी है तो आप शनि देव का पूजन काले तिल, सरसों के तेल, तिल के तेल आदि से करें. शनि चालीसा का पाठ करें.

मौनी अमावस्या का दान
स्नान और पूजा के बाद दान करें. दान में वस्त्र, कंबल, अन्न, घी, गुड़, काला तिल, सोना, गाय आदि का अपनी क्षमता के अनुसार दान करें.

मौनी अमावस्या पर पितृ दोष उपाय
1. मौनी अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के लिए आप पितरों का तर्पण करें. उसके बाद पिंडदान, श्राद्ध कर्म आदि कर सकते हैं.

2. पितृ दोष से मुक्ति के लिए ब्राह्मणों को दान दें. दान से भी पितर तृप्त होते हैं.

3. आज के दिन आप पितरों को भोजन अर्पित करें. इसके लिए भोजन बनाएं और उसे गाय, कुत्ता और कौआ को खिला दें.

4. पितृ स्तोत्र का पाठ करने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन आप गुरुण पुराण सुन सकते हैं.