ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि (Masik Shivaratri) आज 28 मई दिन शनिवार को है. इसे ज्येष्ठ शिवरात्रि भी कहते हैं. हिंदू माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है और इस दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करते हैं. त्रयोदशी और चतुर्दशी दोनों तिथियों को भगवान शिव की पूजा करते हैं. प्रदोष व्रत और शिवरात्रि शिव उपासना का अच्छा अवसर है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चतुर्दशी को भगवान शिव की पूजा करके प्रचूर मात्रा में धन, पुत्र आदि की प्राप्ति होती है. जीवन में सुख और शांति प्राप्त होती है. चतुर्दशी तिथि को उग्रता प्रदान करने वाला माना गया है.
ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि 2022 मुहूर्त
ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरूआत: 28 मई, शनिवार, दोपहर 01 बजकर 09 मिनट से
ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी तिथि की समाप्ति: 29 मई, रविवार, दोपहर 02 बजकर 54 मिनट पर
शोभन योग: प्रात: काल से लेकर रात 10 बजकर 23 मिनट तक
शिव पूजा का रात्रि मुहूर्त: 11 बजकर 58 मिनट से देर रात 12 बजकर 39 मिनट तक
शिव पूजा के मंत्र
1. ओम नम: शिवाय
2. नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।
3. ओम पार्वतीपतये नमः
4. शिव गायत्री मंत्र
ओम तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।
मासिक शिवरात्रि व्रत एवं पूजा विधि
1. मासिक शिवरात्रि के दिन प्रात:काल में स्नान करके साफ वस्त्र पहने लें. फिर पूजा घर की सफाई करें. उसके पश्चात मासिक शिवरात्रि व्रत और पूजा का संकल्प करें.
2. यदि आपको रात्रि प्रहर में पूजा करनी है या सुबह करनी है, तो शुभ मुहूर्त में भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें. इसके बाद उनको फूल, फल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, भस्म, अक्षत्, चंदन, शमी का पत्ता, शहद, शक्कर, मिठाई, मौली आदि अर्पित करें.
3. फिर आप शिव चालीसा, शिव रक्षा स्तोत्र, शिवरात्रि व्रत कथा आदि का पाठ करें. रात्रि प्रहर में किसी मंत्र विशेष का जाप करना है, तो उसे भी कर लें. पूजा का समापन भगवान शिव की आरती से करें. इस दिन आप रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करें.
4. जिन लोगों को रुद्राक्ष धारण करना है, वे आज धारण कर सकते हैं. आज बहुत ही अच्छा दिन है. दिनभर फलाहार पर रहते हैं और अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण करके व्रत को पूरा करते हैं.
मासिक शिवरात्रि की पूजा करने से रोग, भय, ग्रह दोष आदि दूर हो जाते हैं. धन, संपत्ति, सुख, सुविधा आदि में वृद्धि होती है. अकाल मृत्यु के भय को दूर करने के लिए भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं.