Karwa Chauth 2022 : हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखती हैं. करवा चौथ के व्रत की परंपरा सदियों से चली आ रही है. ऐसी मान्यता है कि सुहागिन स्त्रियों द्वारा किए जाने वाले इस व्रत से उनके पतियों के ऊपर से संकट दूर होते हैं और उनकी आयु बढ़ती है. करवा चौथ का व्रत ना केवल सुहागिन स्त्रियां रख सकती हैं, बल्कि अविवाहित लड़कियां भी इस व्रत को अच्छा वर प्राप्त करने के लिए रख सकती हैं. अविवाहित लड़कियां करवा चौथ का व्रत कैसे रख सकती हैं, इसकी पूरी विधि बता रहे हैं.
करवा चौथ के व्रत को कुंवारी लड़कियां एक अच्छे पति की कामना के लिए रख सकती हैं. इसके लिए उन्हें निर्जल व्रत रखने की ज़रूरत नहीं होती. अविवाहित लड़कियां निराहार व्रत रख सकती हैं. मान्यता के अनुसार, निर्जल व्रत में पति के हाथों से ही पानी पीकर इस व्रत को खोला जाता है, इसलिए शादी से पहले कुंवारी लड़कियों का निर्जल व्रत रखना सही नहीं है.
ऐसे करें पूजा
कुंवारी लड़कियां केवल करवा माता, भगवान शिव और माता गौरी की पूजा कर उनकी कथा सुनें. इसके अलावा मां गौरी और भगवान शिव से अपने लिए एक अच्छे वर की मनोकामना करें.
व्रत कैसे खोलें
शास्त्रों में बताया गया है कि कुंवारी लड़कियों को चांद देखकर व्रत नहीं खोलना चाहिए. वह तारों को देख कर अपना व्रत खोल सकतीं हैं. कुंवारी लड़कियां करवे की जगह पानी से भरे कलश का उपयोग कर सकती हैं. करवे का इस्तेमाल शादी के बाद करवा चौथ के व्रत में किया जाता है.
छलनी का इस्तेमाल न करें
कुंवारी लड़कियों को छलनी से चांद देखने की अनुमति नहीं होती. छलनी से चांद देखने की परंपरा सिर्फ सुहागिनों के लिए ही है, इसलिए करवा चौथ पर कुंवारी लड़कियां छलनी का इस्तेमाल ना करें.