Happy Choti Diwali 2022 : छोटी दिवाली आज सर्वार्थ सिद्धि योग में है जानें मुहूर्त, योग और पूजा विधि.

Happy Choti Diwali 2022 Puja Shubh Muhurat: आज छोटी दिवाली है, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से जानते हैं. हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाते हैं. नरक चतुर्दशी को रूप चौदस, काली चौदस आदि नामों से भी जाना जाता है. इस दिन यम का दीपक जलाते हैं, जो यमराज के लिए होता है. यम का दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यम दीप जलाने से मृत्यु के पश्चात नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है. आज के दिन हनुमान जयंती भी है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं छोटी दिवाली की पूजा मुहूर्त और विधि के बारे में.

Ads

छोटी दिवाली 2022 मुहूर्त

कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ: 23 अक्टूबर, रविवार, शाम 05 बजकर 04 मिनट से

Ads

कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन: 24, सोमवार, शाम 05 बजकर 04 मिनट पर

छोटी दिवाली 2022 पर सर्वार्थ सिद्धि योग

सर्वार्थ सिद्धि योग: आज पूरे दिन

इन्द्र योग: आज प्रात:काल से शाम 04 बजकर 07 मिनट तक, उसके बाद वैधृति योग प्रारंभ

Ads

अमृत सिद्धि योग: आज दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 06 मिनट तक

उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र: सुबह से दोपहर 02 बजकर 34 मिनट तक, फिर हस्त नक्षत्र प्रारंभ

Ads

छोटी दिवाली 2022 यम दीप जलाने का शुभ मुहूर्त

आज शाम 05 बजकर 39 मिनट से आप अपने घर के बाहर यम के लिए सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं. इससे आपको लाभ होगा और यमराज आपको अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति प्रदान करेंगे.

Ads
यह भी पढ़े :  worship in Hinduism : जाने ऐसे 6 वृक्षों के बारे में जिन्हें हिंदू धर्म में पूजा जाता हैं और अत्यंत शुभ माना गया हैं.

छोटी दिवाली 2022 पूजा विधि
आज नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली पर भगवान श्रीकृष्ण, यम, वीर हनुमान और काली माता की पूजा करते हैं. आज शाम को शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर इन सभी देवी और देवताओं की मूर्ति स्थापित करें. उसके बाद उनको फूल, अक्षत्, चंदन, सिंदूर, धूप, दीप, गंध, फल, मिठाई आदि अर्पित करते हुए पूजन करें. पूजा का समापन आरती से करें. उसके बाद यम का दीपक जलाएं और उसे घर के मुख्य द्वार पर रख दें.

नरक चतुर्दशी का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभागा के साथ मिलकर असुर नरकासुर का वध किया था और उसके अत्याचार से लोगों को मुक्त किया था. इस वजह से हर साल इस तिथि पर नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाते हैं.

Ads