Anant Chaturdashi : रोगों से मिलेगी मुक्ति, खुल जाएंगे सुख-समृद्धि के द्वार अनंत चतुर्दशी पर करें यह आसान से उपाय.

भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व मनाया जाता है। इस त्योहार को अनंत चौदस नाम से जाना जाता है। भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित इस व्रत का महत्व भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था। भगवान सत्यनारायण के स्वरूप में भगवान श्री हरि विष्णु ही अनंत रूप हैं। इस दिन भगवान सत्यनारायण के साथ अनंत देव की पूजा की जाती है। जीवन में खुशहाली और संपन्नता पाने के लिए इस पावन दिन कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में।

अनंत चतुर्दशी का व्रत और पूजन करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन 14 लौंग लगा हुआ लड्डू भगवान सत्यनारायण के कलश पर अर्पित करें। पूजा के उपरांत इसे किसी चौराहे पर रख दें। ऐसा करने से आने वाले संकटों से रक्षा होती है। अनंत चतुर्दशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर घर की पूर्व दिशा में लाल कपड़ा बिछाकर पीतल का कलश स्थापित करें। अनंत कलश के पास 14 कुश रखें। कुमकुम, केसर, हल्दी, 14 गांठ वाला अनंत सूत्र तैयार करें। भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना करें। घी का दीपक जलाएं। भगवान सत्यनारायण का स्मरण करते हुए अनंत सूत्र को अपने हाथ में धारण करें। भगवान सत्यनारायण के कलश पर चढ़े 14 जायफल बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें, ऐसा करने से विवादों से मुक्ति मिलती है।

इस दिन कलाई पर चौदह गांठ युक्त रेशमी धागा बांधा जाता है, जिसे अनंतसूत्र कहा जाता है। इसे धारण करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। परिवार में कोई सदस्य पुरानी बीमारी से ग्रसित है तो अनंत चतुर्दशी के दिन अनार उसके सिर से वार कर भगवान सत्यनारायण के कलश पर चढ़ाएं और इसे गाय को खिला दें। अनंत कलश पर आलता अर्पित करें। अनंत कलश पर 12 राजमा चढ़ाकर जल में प्रवाहित कर दें, ऐसा करने से हानि से मुक्ति मिलती है। श्री हरि के मंदिर में इस दिन लाल फल अर्पित करने से दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।