वरिष्ठ नागरिकों को रेलयात्रा में दी जाने वाली रियायत को फिर से लागू करने, रियायत योजना फिर से लागू होने से श्रावण बाल-संजय गांधी निराधार योजना के लाभार्थियों को रेलवे में रियायती दरों पर यात्रा कर सकें ऐसी मांग सांसद नवनीत रवि राणा ने लोकसभा में उठाई।
रेल मंत्रालय पहले वरिष्ठ नागरिकों को रियायती किराया प्रदान करता था, लेकिन इस योजना को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है, जिससे रेल से यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सम्मान रखने वाली सांसद नवनीत ने गुरुवार को लोकसभा में वरिष्ठ नागरिकों की पीड़ा को केंद्रीय सरकार तक पहुंचाने के लिए आवाज उठाई।
इस समय केंद्रीय रेल मंत्री को तुरंत उनके लिए रियायत योजना लागू करनी चाहिए, वरिष्ठ नागरिकों और संजय गांधी श्रावण बाल योजना के लाभार्थियों को रियायती दर पर देश में कहीं भी ट्रेन से यात्रा करने की सुविधा देने की मांग की। लोस से संकेत मिले हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन यात्रा में रियायतें मिलेंगी, अब वरिष्ठ नागरिक चिकित्सा इलाज, देव दर्शन, पर्यटन या अन्य महत्वपूर्ण कार्य के लिए रियायती दरों पर ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं।
मालूम हो कि कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से यह छूट स्थगित है। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे ने यात्री सेवाओं के मद में 59 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की है जो काफी बड़ी राशि है एवं कुछ राज्यों के वार्षिक बजट से ज्यादा है। उन्होंने यह भी कहा कि पेंशन के मद में रेलवे द्वारा जारी राशि 60 हजार करोड़ रुपये और वेतन के मद में जारी होने वाली राशि 97 हजार करोड़ रुपये है। इसके अलावा ईंधन पर 40 हजार करोड़ रुपये खर्च होता है। अश्विनी वैष्णव ने कहा, ”हमने पिछले वर्ष यात्रियों को 59 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है और नई सुविधाएं आ रही हैं। अगर कोई नया फैसला करना है तब हम करेंगे। लेकिन अभी की स्थिति में सभी को रेलवे की स्थिति को देखना चाहिए।”
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में वैष्णव ने कहा कि अभी वंदे भारत ट्रेन 500 से 550 किलोमीटर की अधिकतम दूरी तक चलती हैं और एक बार उपयुक्त ढांचा तैयार होने पर इन्हें और लम्बी दूरी तक के लिए भी चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाने पर अयोध्या को ट्रेन के माध्यम से देश के हर क्षेत्र से जोड़ने की योजना है।
वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आईआरसीटीसी को सात महीने में रेलगाड़ियों में खानपान की गुणवत्ता को लेकर 5,000 से अधिक शिकायतें मिली हैं। वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि एक अप्रैल, 2022 से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच आईआरसीटीसी को ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता के संबंध में 5,869 शिकायतें मिलीं। उन्होंने कहा, ”खाने की गुणवत्ता के संबंध में कोई भी शिकायत मिलने पर आईआरसीटीसी के सेवा प्रदाता के खिलाफ जुर्माना लगाने समेत उचित कार्रवाई की जाती है।” वैष्णव ने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि कोविड संबंधी यात्रा पाबंदियों के कारण 2019-20 की तुलना में आईआरसीटीसी का राजस्व 2020-21 में करीब 64 प्रतिशत कम हो गया है।