PIB Fact Check : फर्ज़ी खबर चलाने वाले 6 न्यूज़ चैनलों का पर्दाफाश, सूचना और प्रसारण मंत्रालय जल्द करेगा कार्रवाई.

PIB Fact Check 6 Channels Running Fake News : सूचना और प्रसारण मंत्रालय की PIB फैक्ट चेक यूनिट (FCU) ने देश में भ्रामक जानकारी फैलाने वाले छह YouTube चैनलों का पर्दाफाश किया है। मंत्रालय के अनुसार फैक्ट चेक यूनिट ने इन चैनलों द्वारा फैलाई गई फर्जी खबरों का मुकाबला करने के लिए 100 से अधिक तथ्यों की जांच करने वाले छह अलग-अलग ट्विटर थ्रेड जारी किए।

PIB Fact Check : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गुरुवार को एक बड़ी कार्यवाई करते हुए छह यूट्यूब चैनलों का पर्दाफाश किया है। यह चैनल सरकार, चुनाव, सर्वोच्च न्यायालय और भारत की संसद, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की कार्यवाही के बारे में समन्वित तरीके से काम करने और गलत जानकारी फैलाते थे। पिछले साल के दिसंबर में भी केंद्र ने फर्जी खबरें फैलाने वाले तीन चैनलों को बंद किया था।

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कौन से हैं ये चैनल :

सरकार की प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने एक आधिकारिक बयान में कहा “छह चैनलों- नेशन टीवी, संवाद टीवी, सरोकार भारत, नेशन 24, स्वर्णिम भारत और संवाद समाचार गलत जानकारी और क्लिकबेट का उपयोग कर रहे थे। सनसनीखेज थंबनेल और टेलीविजन समाचार एंकरों की छवियां को दर्शा कर दर्शकों को यह विश्वास दिलाते थे की उनके द्वारा साझा की गई खबर प्रामाणिक है।”

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मंत्रालय ने कहा कि ये YouTube चैनल एक नकली समाचार अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं जो नकली समाचारों के मुद्रीकरण पर पनपती है। इन चैनलों के 20 लाख सब्सक्राइबर्स हैं और उनके वीडियो को 51 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है।

 

 

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दर्शकों को गुमराह किया :

PIB फैक्ट चेक हैंडल ने संवाद टीवी के बारे में ट्वीट किया, “10 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स वाला YouTube चैनल ‘संवाद टीवी’ भारत सरकार के बारे में #FakeNews का प्रचार कर रहा है और केंद्रीय मंत्रियों के बयानों के बारे में झूठे दावे कर रहा है।” ये यूट्यूब चैनल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और चुनाव आयोग से संबंधित फर्जी खबरें फैलाने के लिए यूट्यूब थंबनेल का इस्तेमाल कर रहे हैं। पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट द्वारा उजागर किए गए YouTube चैनलों ने चुनावों, भारत के सर्वोच्च न्यायालय और भारत की संसद में कार्यवाही, भारत सरकार के कामकाज आदि के बारे में फर्जी खबरें फैलाईं। मसलन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर प्रतिबंध के बारे में झूठे दावे और झूठे बयान शामिल हैं। भारत के माननीय राष्ट्रपति, भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश सहित वरिष्ठ संवैधानिक पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाली इकाई की ओर से यह दूसरी ऐसी कार्रवाई है, जिसमें फेक चैनलों का भंडाफोड़ किया गया है। जल्दी ही इन चैनलों पर कार्रवाई की जाएगी।

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Monetization के लिए भ्रामक खबर :

चैनल एक भ्रामक समाचार अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं जो नकली समाचारों के monetization पर पनपती है। चैनल नकली, क्लिकबेट और सनसनीखेज थंबनेल और टीवी चैनलों के टेलीविजन समाचार एंकरों की छवियों का उपयोग दर्शकों को यह विश्वास दिलाने के लिए करते हैं कि समाचार प्रामाणिक थे। इन देश विरोधी खबरों को सही मानकर दर्शक देखते हैं। इससे वीडियो पर ट्रैफ़िक बढ़ता है और वीडियो monetize हो जाती है। वीडियो monetize होने के बाद यूट्यूब चैनलों की कमाई होती है।

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पहले भी हुई है कार्रवाई :

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत फैक्ट चेक यूनिट की ओर से यह दूसरी ऐसी कार्रवाई है जहां यूट्यूब चैनलों का खुलासा किया गया है। इससे पहले 20 दिसंबर, 2022 को यूनिट ने फर्जी खबरें फैलाने वाले तीन चैनलों का पर्दाफाश किया था।

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फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध :

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत फैक्ट चेक यूनिट फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार समय समय पर भ्रामक खबर फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों का खुलासा और उन्हे ब्लॉक कड़ा संदेश देती है। यह न केवल जनता तक भ्रामक सूचना पहुंचने से रोकने का सफल प्रयास है बल्कि ऐसा करने वालों के लिए एक चेतावनी भी है।

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