बिहार में शराबबंदी को लेकर अब एक बार फिर बड़ी मांग शुरू हो गई है। वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने नीतीश सरकार से बड़ी मांग की है। उन्होंने कहा है कि अब बिहार में शराब पीने वाले को माफी देकर ही छोड़ दिया जाए। बीते दिनों बिहार के छपरा के सारण में जहरीली शराब से हुई दर्जनों लोगों की मौत के बाद बीजेपी मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग पर अड़ी हुई है।
इसी बीच राज्य पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा है कि शराबबंदी के कारण जो पहली बार जेल गए हैं उन लोगों को उन लोगों पर मुकदमे वापस लेने के बाद सरकार को आम माफी का ऐलान करना चाहिए और ऐसे लोगों को सुधारने का एक मौका देना चाहिए।
बुधवार को बयान जारी कर सुशील मोदी ने कहा कि गांधी, जेपी और लोहिया ने भी शराब पीने वालों को सुधरने का मौका देने की बीत कही थी। मोदी ने कहा कि शराब पीने की आदत या इसकी आसानी से उपलब्धता के कारण जिन्हें शराबबंदी कानून के तहत पहली बार जेल जाना पड़ा, वे गरीब लोग हैं और उन्होंने हत्या-बलात्कार जैसा कोई गंभीर अपराध नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के कारण 4 लाख से ज्यादा लोग जेल जा चुके हैं। 3.5 लाख प्राथमिकी दर्ज है और 40 हजार लोग अब भी बंदी हैं। इनमें 90 फीसद दलित, आदिवासी और अतिपिछड़ा समाज के गरीब हैं। ये लोग इतने गरीब हैं कि अपना मुकदमा भी नहीं लड़ सकते। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण इतनी बड़ी संख्या में लोग पकड़े गए कि जेलों में जगह नहीं है, फिर भी हर महीने 45 हजार गिरफ्तारियां हो रही हैं।
मोदी ने कहा कि अदालतों पर शराब से जुड़े मामलों का बोझ बढ़ गया है। केवल जमानत के मामले निपटाये जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि आम माफी की घोषणा करने से लाखों गरीबों को बड़ी राहत मिलेगी, अदालतों पर मुकदमे का बोझ कम होगा और जेलों में जगह बनेगी।