Bihar Dakhil Kharij : दाखिल-खारिज के नियमों में बड़ा बदलाव! अब सीओ के अलावे आरओ को मिला पावर …

  • पांच अंचलों में पायलट प्रोजेक्ट लागू
  • बदलाव दाखिल-खारिज अब राजस्व अधिकारी भी कर सकेंगे
  • सरकार ने राजस्व अधिकरी को दी अंचल अधिकारी की शक्ति
  • सम और विषम संख्या वाले हलका के आधार पर दोनों में बंटेगा काम
  • दाखिल-खारिज में क्रमानुसार आवेदन निष्पादन अनिवार्य

 

बिहार में राजस्व अधिकारी (आरओ) अंचलाधिकारी (सीओ) की तरह अब दाखिल-खारिज कर सकेंगे। राज्य सरकार ने ऑनलाइन दाखिल-खारिज को लेकर मौजूदा व्यवस्था में बदलाव करते हुए आरओ को सीओ की शक्ति प्रदान कर दी है। हालांकि इनके बीच कार्य का बंटवारा हलका के अंक के आधार पर होगा। सम संख्या (2, 4, 6…) वाले हलका का काम आरओ करेंगे तो विषम संख्या ( 1, 3, 5…) वाले हलका का दाखिल-खारिज सीओ करेंगे।

दाखिल-खारिज में फीफो ( फर्स्ट इन फर्स्ट आउट) का पालन अनिवार्य कर दिया गया है। अर्थात, पहले आए आवेदन का निपटारा पहले करना होगा। आवेदनों का निपटारा क्रमानुसार अनिवार्य होगा। इसमें दाखिल-खारिज साफ्टवेयर में वादों के निष्पादन के क्रम में प्रतिवेदित खेसरा पर कुल दायर वादों से संबंधित सूची व उसकी अद्यतन स्थिति को प्रदर्शित करना होगा। अगर क्रम के अनुसार किसी के मामले के निष्पादन में परेशानी है तो उसे एक दिन के लिए सूची से हटाया जा सकता है, पर अगले दिन वह सूची में फिर से रहेगा। अगले दिन सूची से हटाने के पहले कारण बताना अनिवार्य होगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बुधवार से नयी व्यवस्था लागू कर दी। हालांकि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे अभी पांच जिलों के पांच अंचलों में लागू किया गया है।

इसे पूरे बिहार में लागू किया जाएगा। इससे दाखिल खारिज में अनावश्यक विलंब नहीं होगा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

– आलोक मेहता, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री