बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने की वजह से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस बीच बिहार में लगातार शराबबंदी को लेकर सवाल उठ रहे है। शराबबंदी कानून की आलोचना के बाद सीएम नीतीश कुमार पहली बार इस कानून को लेकर पुनर्विचार कर रहे है। सूत्रों के मुताबिक विधायक दल की बैठक में सीएम ने विधायकों से पूछा- क्या शराबबंदी कानून हटा दें।
जो पीएगा, वह मरेगा, शराब पीना गंदी बात: नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह तो बार-बार यह कह रहे कि जो पीएगा, वह मरेगा। जिसने गंदी शराब पी, उसको मदद करेंगे? यह गंदी बात है। शराब पीने वालों को मदद की जाती है क्या? सभी धर्म में शराब पीने वालों को ठीक नहीं माना जाता। अब तो वह हर जगह जाकर बताएंगे कि जो शराब के पक्ष मे बोल रहे हैं, वह आपके हित में नहीं है। जो लोग हमारे साथ शराबबंदी के पक्ष में भाषण देते थे, वे आज उल्टा बोल रहे।
बिहार को बदनाम करने की भाजपा की साजिश: सीएम
सीएम नीतीश ने कहा, अगर ईमानदार हैं तो सरकार को शराब के बारे में सूचना दें। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों से बिहार को बदनाम करने के लिए वहां से शराब भेजी जा रही। बिहार में यूपी और हरियाणा से शराब आ रही।
बिहार में शराबबंदी मजबूती से लागू: नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार देश का अकेला राज्य है, जहां पूरी मजबूती के साथ शराबबंदी लागू है। जो लोग केंद्र में राज कर रहे हैं, उनके राज्य में किस तरह से शराबबंदी है? मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में प्रधानमंत्री तक बिहार की शराबबंदी की तारीफ करते हुए यह कह चुके हैं कि यह अच्छा काम है। उस समय तो हम उनके साथ भी नहीं थे।
शराब के धंंधे में लगाए गए लोगों को आर्थिक मदद: सीएम
नीतीश कुमार ने आगे कहा, हम तो पुलिस को यह कह चुके हैं कि गरीब-गुरबों को मत परेशान कीजिए। शराब के धंधे में लगाए गए ऐसे लोगों की मदद के लिए हम एक लाख रुपये की मदद कर रहे। अगर जरूरत पड़ी तो और भी देंगे। सब आदमी सही तो हो नहीं सकता।