Mahashivratri ka Jal Kab ka hai : महाशिवरात्रि 2025 तिथि और महत्व– जानें क्या है ज्योतिषीय महत्व और विशेष उपाय

यदि कोई हर माह की शिवरात्रि पर 108 बार शिव मंत्र का जाप करता है, तो अगली महाशिवरात्रि तक उसके समस्त कष्ट समाप्त हो जाते हैं।

mahashivratri ka jal kab ka hai
X

Mahashivratri ka Jal Kab ka Hai

महाशिवरात्रि 2025: तिथि एवं महत्व

🚩महाशिवरात्रि 2025 की तिथि – 26 फरवरी 2025 (बुधवार)

आचार्य परीक्षित के अनुसार, जिन्होंने पंचांग का गहन अध्ययन कर महाशिवरात्रि का जल कब का है इस पर तिथि की गणना की है, महाशिवरात्रि का जल फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी 2025 को प्रातः 11:08 बजे से आरंभ होगा और इसका समापन 27 फरवरी 2025 को प्रातः 8:54 बजे पर होगा।


📜 महाशिवरात्रि का ज्योतिषीय महत्व

🔹 शास्त्रों के अनुसार, शिवरात्रि हर माह आती है, परंतु महाशिवरात्रि वर्ष में एक बार मनाई जाती है।

🔹 जब सूर्य कुम्भ राशि में स्थित होता है और चंद्रमा त्रयोदशी तिथि पर शनि की राशि में प्रवेश करता है, तब महाशिवरात्रि मनाई जाती है।

🔹 सूर्य (आत्मा का प्रतीक) और शनि (त्याग एवं संन्यास का प्रतीक) का योग, इस दिन को विशेष बनाता है।

🔹 चंद्रमा, जो मन का प्रतीक है, जब शनि की राशि में स्थित होता है, तब यह समय आत्म-चिंतन और शिव भक्ति के लिए सर्वोत्तम होता है।

🕉 शिव विवाह की पौराणिक कथा

वसंत पंचमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का सगाई या कह सकतें हैं तिलक हुआ था। और कृष्ण पक्ष त्रयोदशी - चतुर्दशी को महादेव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ। यही कारण है कि महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह शिव-पार्वती के दिव्य मिलन की स्मृति का पर्व है।

🙏 महाशिवरात्रि पर पूजन विधि एवं महिमा

✅ इस दिन मंदिरों में जलाभिषेक एवं शिव पूजन किया जाता है।

✅ भक्त बेलपत्र अर्पित करते हैं, जिससे समस्त कष्टों से मुक्ति व मोक्ष की प्राप्ति होती है।

✅ महादेव को "भोले भंडारी" कहा जाता है, अतः इस दिन अपने पापों की क्षमा याचना करने पर वे दयालुता से क्षमा कर देते हैं।

✅ भगवान शिव 108 बेलपत्रों के साथ मंत्र जाप करने से समस्त दुखों का नाश कर देते हैं। मंत्र का विवरण निचे दिया गया है।


Mahashivratri ka Upay Bataiye

🔱 विशेष उपाय एवं मंत्र जाप

📿 यदि कोई हर माह की शिवरात्रि पर 108 बार शिव मंत्र का जाप करता है, तो अगली महाशिवरात्रि तक उसके समस्त कष्ट समाप्त हो जाते हैं।

🔹 शिव मंत्र (108 बार जप करें)

🔱 करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा ।

श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं ।

विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व ।

जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥

📆 2025 में मासिक शिवरात्रि तिथियाँ: मासिक शिवरात्रि कब है 2025

त्योहार

माह

दिन

तिथि

मासिक शिवरात्रि (माघ)

महा शिवरात्रि (फाल्गुन)

मासिक शिवरात्रि (चैत्र)

मासिक शिवरात्रि (वैशाख)

मासिक शिवरात्रि (ज्येष्ठ)

मासिक शिवरात्रि (आषाढ़)

श्रावण शिवरात्रि (श्रावण)

मासिक शिवरात्रि (भाद्रपद)

मासिक शिवरात्रि (आश्विन)

मासिक शिवरात्रि (कार्तिक)

मासिक शिवरात्रि (मार्गशीर्ष)

मासिक शिवरात्रि (पौष)

चैत्र (मार्च - अप्रैल)

वैशाख (अप्रैल - मई)

ज्येष्ठ (मई - जून)

आषाढ़ (जून - जुलाई)

श्रावण (जुलाई - अगस्त)

भाद्रपद (अगस्त - सितंबर)

आश्विन (सितंबर - अक्टूबर)

कार्तिक (अक्टूबर - नवंबर)

मार्गशीर्ष (अग्रहायण) (नवंबर - दिसंबर)

पौष (दिसंबर - जनवरी)

माघ (जनवरी - फरवरी)

फाल्गुन (फरवरी - मार्च)

जनवरी 27, 2025

फरवरी 26, 2025

मार्च 27, 2025

अप्रैल 26, 2025

मई 25, 2025

जून 23, 2025

जुलाई 23, 2025

अगस्त 21, 2025

सितंबर 19, 2025

अक्टूबर 19, 2025

नवंबर 18, 2025

दिसंबर 18, 2025

त्रोदशी-चतुर्दशी

त्रोदशी-चतुर्दशी

त्रोदशी-चतुर्दशी

त्रोदशी-चतुर्दशी

त्रोदशी-चतुर्दशी

त्रोदशी-चतुर्दशी

त्रोदशी-चतुर्दशी

त्रोदशी-चतुर्दशी

त्रोदशी-चतुर्दशी

त्रोदशी-चतुर्दशी

त्रोदशी-चतुर्दशी

त्रोदशी-चतुर्दशी


🛕 इस महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की उपासना करें और मन्त्र का जब करें और समस्त कष्टों से मुक्ति प्राप्त करें।

🔔 हर-हर महादेव! 🙏🔥

आचार्य परीक्षित प्रसाद

कुंडली विश्लेषण के लिए आप इनसे संपर्क कर सकते हैं।

Mob-9971783070

Tags:
Next Story
Share it