केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE Schools) ने स्कूलों को शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से पहले शुरू करने के खिलाफ चेतावनी दी है। कहा गया कि इससे छात्रों में चिंता और थकान का खतरा उत्पन्न होता है। यह चेतावनी कई दसवीं और 12वीं के स्कूलों द्वारा शैक्षणिक सत्र शुरू करने के बाद दी गई है।
सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने आधिकारिक आदेश में कहा कि यह गौर किया गया है कि कुछ संबद्ध स्कूलों ने अपना शैक्षणिक सत्र वर्ष में कुछ जल्दी शुरू कर दिया है। कम समय-सीमा में पूरे वर्ष के पाठ्यक्रम को पूरा करने का प्रयास करने से छात्रों के लिए जोखिम उत्पन्न होता है, जो चिंता और थकान का सामना कर सकते हैं।
बोर्ड ने कहा कि शैक्षणिक सत्र को पहले से शुरू करने से छात्रों को पढ़ाई से इतर गतिविधियों के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता, जैसे कि कौशल सीखना, नैतिक शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा, कार्य शिक्षा और सामुदायिक सेवा। ये सभी गतिविधियां शिक्षा जितनी ही महत्वपूर्ण हैं। इसलिए बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के प्रधानाचार्यों और संस्थानों के प्रमुखों को निर्दिष्ट समय से पहले शैक्षणिक सत्र शुरू करने से परहेज करने और एक अप्रैल से 31 मार्च तक शैक्षणिक सत्र का सख्ती से पालन करने की सलाह दी गई है।
निर्णय को सराहा नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ.सुधा आचार्य ने बताया कि सीबीएसई का निर्देश जरूरी था। ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने इस कदम की सराहना की।