NEET UG Exam : पिछले दिनों नीट परीक्षा साल में दो बार कराए जाने की बात काफी चर्चा में रही. अब इस पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जवाब दिया है। मंत्रालय की ओर से भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission, NMC) के पास साल में दो बार अंडरग्रेजुएट (NEET UG) के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
मंत्री संसद सदस्य (सांसद) रमेश चंद बिंद द्वारा उठाए गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे. क्या सरकार संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन के पैटर्न पर एनईईटी यूजी परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव करती है। ताकि एक वर्ष में दो अवसर प्रदान किए जा सकें. ऐसा इस मुश्किल प्रतियोगिता को केवल एक प्रयास में पास करके नीट के उम्मीदवारों को तनाव और अवसाद से बचाया जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि नीट ही अब देश में मेडिकल एडमिशन के लिए एकमात्र प्रवेश परीक्षा है। यह एक ऐतिहासिक सुधार था जो छात्रों को बेस्ट चिकित्सा संस्थानों में प्रवेश पाने का अवसर प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा, “इससे मेडिकल प्रवेश में धांधली पर अंकुश लगा है। एडमिशन प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। छात्रों को अब कई प्रवेश परीक्षाओं में नहीं बैठना पड़ता। उन पर बोझ कम हुआ है। ‘
उन्होंने कहा, ‘नीट यूजी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित किया जाता है। इसका सिलेबस सभी राज्य बोर्डों और राष्ट्रीय बोर्डों के सिलेबस पर आधारित है।
कुछ दिन पहले स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में एमबीबीएस की बढ़ी सीटों की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि वर्ष 2014 के बाद से मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 71 फीसदी की वृद्धि हुई है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 660 हो गई है। वहीं एमबीबीएस की सीटों में 2014 के बाद से अब तक 97 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2014 में सीटें महज 51,348 थीं जो अब बढ़कर 101,043 हो गई है। इनमें से 52778 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध हैं और शेष 48,265 सीटें प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में हैं।