केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने गुरुवार को कहा कि पिछले आठ सालों में MBBS सीटों (MBBS Seats) में 87% की अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। साथ ही पोस्ट ग्रेजुएशन सीटों में 105% की भारी बढ़ोतरी हुई है। मंडाविया ने कहा, “अब हमारे पास 2022 में 648 मेडिकल कॉलेज (Medical College) हैं। अकेले सरकारी मेडिकल कॉलेजों (GMC) की संख्या में 96% की बढ़ोतरी और 2014 के बाद से निजी क्षेत्र में 42% की इजाफा हुई है।”
उन्होंने कहा, “अब हमारे पास 2022 में 648 मेडिकल कॉलेज हैं। अकेले सरकारी मेडिकल कॉलेजों (GMC) की संख्या में 96% की बढ़ोतरी और 2014 के बाद से प्राइवेट सेक्टर में 42% की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह, पीजी सीटों में 2014 में 31,185 सीटों के साथ 105% की इजाफा हुआ, जो 2022 में 63,842 हो गई है।”
उन्होंने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों (GMC) में 10,000 MBBS सीटें सृजित करने की दृष्टि से 16 राज्यों के 58 कॉलेजों को 3,877 MBBS सीटों की बढ़ोतरी के साथ मंजूरी दी गई है।
मांडविया ने कहा कि 2014 से अकेले सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 96 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज की संख्या में 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस समय देश के 648 मेडिकल कॉलेजों में 355 सरकारी क्षेत्र के और 293 निजी हैं।
एमबीबीएस की 3877 और पीजी की 4,058 सीटें बढ़ेंगी :
उन्होंने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 10,000 सीट सृजित करने की सोच के साथ 16 राज्यों में 58 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गयी है और इनके साथ एमबीबीएस की सीटों की संख्या 3,877 बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसी तरह पीजी सीट में वृद्धि के लिए पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 72 मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दी गयी है और 4,058 पीजी सीट की बढ़ोतरी होगी।
उन्होंन ट्वीट किया, ”देश को अच्छे डॉक्टर मिल रहे हैं। सभी लोगों को शिक्षा के लिए अवसर मिले उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने प्रयास किया है, उसकी सराहना देश में हो रही है।”
उन्होंने कहा कि देश के ढाई लाख स्कूलों में 4.5 लाख से अधिक शौचलाय बनाए गए। जिससे बेटियों में शिक्षा बीच में छोड़ने का अनुपात 17 प्रतिशत से कम होकर 13 प्रतिशत हो गया है।