BSSC CGL : बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तृतीय स्नातक स्तरीय परीक्षा के दूसरे और तीसरे चरण की परीक्षा पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. आयोग ने परीक्षार्थियों व आम लोगों से दूसरे और तीसरे चरण की बीएसएससी सीजीएल परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने से जुड़े सबूत मांगे हैं. गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर दूसरे दिन का भी पेपर वायरल होने का दावा किया जा रहा है. बता दें कि 23 दिसम्बर को पहली पाली का पेपर वायरल होने की वजह से परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. वहीं अब छात्रों का आरोप है कि 24 दिसम्बर को हुई परीक्षा का पेपर भी वायरल है. बताया जाता है कि प्रश्न-पत्र स्क्रीनशॉट के साथ वायरल हुआ है.
प्रामाणिक साक्ष्य मिलने पर आयोग ने तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2022 को रद्द करने का आश्वासन दिया है. बता दें, पहले दिन की पहली पाली की परीक्षा के पेपर लीक के सबूत पाए जाने के बाद आयोग द्वारा उसे रद्द कर दिया गया था. लेकिन दूसरी और तीसरी पाली में भी पेपर लीक होने की बात उजागर होने के बाद परीक्षा रद्द करने की मांग की जा रही है.
बिहार कर्मचारी चयन आयोग (Bihar Staff Selection Commission) ने जारी प्रेस नोट में अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाया है कि परीक्षा की सुचिता और स्वक्षता तथा अभ्यार्थियों का हित आयोग के लिए सर्वोपरि है. आयोग ने कहा है कि परीक्षार्थियों का हित सुनिश्चित करना उसका मुख्य दायित्व है. प्रेस नोट के माध्यम से आयोग ने कहा है कि उसके मुताबिक पेपर लीक की खबरें केवल अफवाह है. आयोग ने माना है कि ऐसा केवल भ्रम इसलिए फैलाया जा रहा है कि कुछ लोगो का स्वार्थ सिद्ध हो सके. आयोग ने 3 दिनों का समय दिया है. अगर इस बीच पेपर लीक से संबंधित कोई पुख्ता सबूत मिलता है तो आगे परीक्षा रद्द किया जाना संभव है.
ऐसे जमा करा सकते हैं सबूत :
आयोग ने नोटिस जारी कर कहा, ‘सीजीएल पीटी परीक्षा 2022 के दूसरे व तीसरे चरण की परीक्षा के प्रश्न पत्रों के लीक होने की भी अफवाहें संज्ञान में आ रही है। इस परीक्षा से जुड़े परीक्षार्थियों व आम लोगों से अनुरोध है कि इस परीक्षा के दूसरे व तीसरे चरण के प्रश्न पत्रों के लीक होने के संबंध में जिस किसी के पास भी प्रमाण / साक्ष्य उपलब्ध हों, तो उन्हें बिहार कर्मचारी चयन आयोग, पटना को अपने पूर्ण पता, मोबाइल नंबर सहित देते हुए आयोग के ईमेल आईडी secybssc@gmail.com पर या पंजीकृत डाक द्वारा तीन दिनों के अंदर भेज सकते हैं ताकि उसकी सूक्ष्मता व गहराई से जांच कर आवश्यक आगे की कार्रवाई की जा सके।
EOU को भी भेज सकते हैं पुख्ता प्रमाण :
आयोग की तरफ से कहां गया है कि पेपर लीक प्रमाण या सबूत आर्थिक अपराध इकाई को भी भेजा भेजा जा सकता है. ताकि आर्थिक अपराध इकाई द्वारा उसकी जांच और कार्रवाई की जा सके. आयोग की तरफ से बताया गया है कि कुछ असामाजिक तत्व द्वारा अफवाह फैलाई जा रही है. ऐसी अफवाह पर ध्यान नहीं दिया जाये और किसी के बहकावे में ना आया जाए. अगर अनियमितता हुई है और किसी के पास साक्ष्य है तो आयोग कार्रवाई करने के लिए तैयार है.