बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा को लेकर फिलहाल कोई बड़ी अपडेट सामने नहीं आई है. लेकिन छात्र लगातार परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. जिसको लेकर छात्रों ने काफी विरोध प्रदर्शन भी किया था. हालांकि कर्मचारी चयन आयोग द्वारा परीक्षा को रद्द करने को लेकर कोई भी अधिकारीक जानकारी अभी तक नहीं दी गई है. हालांकि कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही बिहार एसएससी सीजीएल परीक्षा को पूरी तरह से रद्द कर दिया है जा सकता है.
बता दें कि बीएसएससी परीक्षा की पहली शिफ्ट में ही परीक्षा शुरू होते ही पेपर लीक की जानकारी सामने आ गई थी. इसे लेकर गिरफ्तारी भी हुई जिसके बाद से छात्र सभी तीनो शिफ्ट की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. छात्रों ने तीनो शिफ्ट की परीक्षाओं में धांधली होने का दावा भी किया.
लगभग 9 लाख उम्मीदवार इस भर्ती परीक्षा में शामिल हुए हैं. उम्मीदवारों का कहना है कि परीक्षा रद्द कर पुन: परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए ताकि सभी को एक फेयर चांस मिल सके.
बिहार कर्मचारी चयन आयोग (Bihar Staff Selection Commission) ने जारी प्रेस नोट में अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाया है कि परीक्षा की सुचिता और स्वक्षता तथा अभ्यार्थियों का हित आयोग के लिए सर्वोपरि है. आयोग ने कहा है कि परीक्षार्थियों का हित सुनिश्चित करना उसका मुख्य दायित्व है. प्रेस नोट के माध्यम से आयोग ने कहा है कि उसके मुताबिक पेपर लीक की खबरें केवल अफवाह है. आयोग ने माना है कि ऐसा केवल भ्रम इसलिए फैलाया जा रहा है कि कुछ लोगो का स्वार्थ सिद्ध हो सके. आयोग ने 3 दिनों का समय दिया है. अगर इस बीच पेपर लीक से संबंधित कोई पुख्ता सबूत मिलता है तो आगे परीक्षा रद्द किया जाना संभव है.
ऐसे जमा करा सकते हैं सबूत :
आयोग ने नोटिस जारी कर कहा, ‘सीजीएल पीटी परीक्षा 2022 के दूसरे व तीसरे चरण की परीक्षा के प्रश्न पत्रों के लीक होने की भी अफवाहें संज्ञान में आ रही है। इस परीक्षा से जुड़े परीक्षार्थियों व आम लोगों से अनुरोध है कि इस परीक्षा के दूसरे व तीसरे चरण के प्रश्न पत्रों के लीक होने के संबंध में जिस किसी के पास भी प्रमाण / साक्ष्य उपलब्ध हों, तो उन्हें बिहार कर्मचारी चयन आयोग, पटना को अपने पूर्ण पता, मोबाइल नंबर सहित देते हुए आयोग के ईमेल आईडी secybssc@gmail.com पर या पंजीकृत डाक द्वारा तीन दिनों के अंदर भेज सकते हैं ताकि उसकी सूक्ष्मता व गहराई से जांच कर आवश्यक आगे की कार्रवाई की जा सके।
EOU को भी भेज सकते हैं पुख्ता प्रमाण :
आयोग की तरफ से कहां गया है कि पेपर लीक प्रमाण या सबूत आर्थिक अपराध इकाई को भी भेजा भेजा जा सकता है. ताकि आर्थिक अपराध इकाई द्वारा उसकी जांच और कार्रवाई की जा सके. आयोग की तरफ से बताया गया है कि कुछ असामाजिक तत्व द्वारा अफवाह फैलाई जा रही है. ऐसी अफवाह पर ध्यान नहीं दिया जाये और किसी के बहकावे में ना आया जाए. अगर अनियमितता हुई है और किसी के पास साक्ष्य है तो आयोग कार्रवाई करने के लिए तैयार है.