BPSC Exam Pattern : बीपीएससी ने बदला 68वीं का परीक्षा पैटर्न बदला, उम्मीदवारों ध्यान दें!

बिहार लोक सेवा आयोग ने 68वीं प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया है। आयोग की ओर से बदले गए पैटर्न की अधिसूचना मंगलवार को जारी कर दी गई। पैटर्न में बदलाव करते हुए प्रारंभिक परीक्षा में निगेटिव मार्किंग लागू कर दी गई है। इसके पहले प्रारंभिक परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं थी। नई व्यवस्था में प्रत्येक गलत उत्तर पर एक चौथाई अंक (0.25) अंक कटेगा। चार प्रश्नों का उत्तर गलत देने पर एक अंक कट जाएगा। प्रारंभिक परीक्षा में 150 अंक प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित किया गया है। यह बदलाव छात्रों की ओर से प्राप्त सुझाव के बाद किया गया है।

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बीपीएससी ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि मेन्स परीक्षा में अब ऑप्शनल सब्जेक्ट का पेपर केवल 100 अंकों का होगा। इससे पहले ऑप्शनल सब्जेक्ट का पेपर 300 अंकों का होता था। इसके साथ ही मेन्स परीक्षा एमसीक्यू फॉर्म में होगा।

उम्मीदवार ध्यान दें कि जनरल हिंदी और ऑप्शनल पेपर के अंक मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़े जाएंगे। लेकिन हिंदी और ऑप्शनल सब्जेक्ट में न्यूनतम अंक प्राप्त करना जरूरी होगा।

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अब बीपीएससी परीक्षा में केवल जनरल स्टडीज पेपर 1, जनरल स्टडीज पेपर 2, निबंध पेपर और इंटरव्यू के अंकों के आधार पर मेरिट तैयार की जाएगी।

इस लिंक पर क्लिक कर चेक करें नोटिफिकेशन… BPSC 68th Marking Scheme Notification सभी उम्मीदवार इस बात पर खास ध्यान दें कि अब प्रीलिम्स परीक्षा में सभी 150 प्रश्नों के लिए नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान किया गया है। यानी प्रत्येक सही उत्तर के लिए उम्मीदवारों को एक अंक और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक काट लिए जाएंगे। नीचे 68 वीं बीपीएससी मेन्स परीक्षा की मार्किंग स्कीम (68th BPSC Mains Marking Scheme) दी गई है।

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सामान्य हिन्दी में 30 प्रतिशत प्राप्तांक लाना अनिवार्य :

बिहार लोक सेवा आयोग ने संयुक्त लिखित मुख्य परीक्षा में कई तरह के बदलाव किए हैं। बदले गए पैटर्न के अनुसार सामान्य हिन्दी की परीक्षा 100 अंकों की होगी। इसके लिए तीन घंटा का समय निर्धारित होगा। सामान्य हिन्दी की परीक्षा में 30 प्रतिशत प्राप्तांक लाना अनिवार्य कर दिया गया है पर मेधा के निर्धारण में इसके अंकों की गणना नहीं की जाएगी। इसी तरह से ऐच्छिक विषय में राज्य सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम प्राप्तांक लाना अनिवार्य होगा। मेधा में इसके अंकों की गणना नहीं की जाएगी।

आयोग ने सामान्य अध्ययन पत्र- वन और सामान्य अध्ययन पत्र- दो को क्रमश: तीन-तीन सौ अंकों का रखा है। इस बार अलग से निबंध लेखन को जोड़ा गया है। इसके लिए भी तीन सौ अंकों की परीक्षा होगी। मुख्य परीक्षा के सभी पेपर तीन घंटे के होंगे। पैटर्न में बदलाव के बाद निबंध लेखन पर छात्रों को विशेष ध्यान देना होगा। इसका अंक मेधा में जुटेगा। वहीं, वैकल्पिक विषय (एमसीक्यू आधारित) 100 अंकों का होगा। इसमें सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 40 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 34 प्रतिशत और अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला और दिव्यांगों के लिए 32 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

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  • जनरल हिंदी- 100 अंक
  • जनरल स्टडीज पेपर 1- 300 अंक
  • जनरल स्टडीज पेपर 2- 300 अंक
  • निबंध पेपर- 300 अंक
  • ऑप्शनल पेपर- 100 अंक
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