Sahara India Refund : सहारा इंडिया ने किया 138 करोड़ रुपये का भुगतान! आपका भी फंसा है पैसा तो जान लें वापस लेने का तरीका.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपनी एक हालिया वार्षिक रिपोर्ट में जानकारी दी है कि उसने एक दशक के दौरान सहारा की दो कंपनियों के निवेशकों को 138 करोड़ रुपये रिफंड किए हैं। इसके मुताबिक, पुनर्भुगतान के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि को बढ़ाकर 24 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है।

इस वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे 31 मार्च, 2022 तक 19,650 आवेदन मिले, जिसमें रिफंड के कुल 82.31 करोड़ रुपये के दावे शामिल थे। इसमें से उसने 17,526 मामलों में 68 करोड़ रपुये के ब्याज सहित 138 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया।

सेबी ने इससे पहले बताया था कि उसने 31 मार्च, 2021 तक कुल 129 करोड़ रुपये का रिफंड दिया है। सेबी ने बताया कि सुप्रीम के विभिन्न आदेशों और कुर्की के नियामकीय आदेशों का पालन करते हुए उसने 31 मार्च, 2022 तक 15,507 करोड़ रुपये तक की वसूली की है। इस अवधि तक बैंकों में जमा रासि 24,076 करोड़ रुपये है। 31 मार्च, 2021 तक यह राशि 23,191 करोड़ रुपये और 31 मार्च, 2020 तक 21,770.70 करोड़ रुपये थी।

जानिए किस तरह निवेशकों के फंस गए रुपये :

साल 1978 में सुब्रत रॉय ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर चिट फंड कंपनी शुरू की। उन्होंने पैरा बैंकिंग की शुरूआत की। गरीब और मध्यम वर्ग को टारगेट किया। मात्र 100 रुपए कमाने वाले लोग भी उनके पास 20 रुपए जमा कराते थे। देश की गलियों-गलियों तक उनकी ये स्कीम मशहूर हो गई। लाखों की संख्या में लोग सहारा के साथ जुड़ते चले गए। हालांकि साल 1980 में सरकार ने इस स्कीम पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सुब्रत रॉय सहारा ने हाउसिंग डेवलपमेंट सेक्टर में कदम रखा। इसके बाद वो एक के बाद सेक्टर में उनके पंख फैलते चले गए। रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया , एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रियर एस्टेट, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी तक सहारा फैल चुका था। टाइम्स मैगजीन ने सहारा को रेलवे के बाद दूसरी सबसे ज्यादा नौकरी देने वाली कंपनी बताया था। 11 लाख से अधिक कर्मचारी सहारा परिवार का हिस्सा थे।

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सेबी ने कसा शिकंजा :

सहारा इंडिया का सबकुछ ठीक चल रहा था। लेकिन किस्मत ने ऐसी बाजी पलटी कि किसी को अंदाजा तक नहीं था। समय इस तरह बदला कि खुद को ‘सहारा श्री’ कहने वाले सुब्रत रॉय को जेल की हवा खानी पड़ गई। वो साल 2009 था, जब सहारा ने कंपनी ने आईपीओ लाने की योजना बनाई थी। सहारा ने जब सेबी से IPO के लिए आवेदन दिया तो सेबी ने उससे DRHP यानी कंपनी का पूरा बायोडेटा मांग लिया। जब सेबी ने इसकी जांच की तो इसमें काफी गड़बड़ियां मिलीं। इसके बाद सेबी का सहारा इंडिया पर शिकंजा कसता चला गया। सहारा पर आरोप लगे कि उसने अपने निवेशकों का पैसा गलत तरीके से इस्तेमाल किया। सेबी ने आरोप लगाए कि सहारा ने अपनी दोनों कंपनियों के 3 करोड़ निवेशकों ने 24,000 करोड़ रुपये जुटाए जबकि इनकी कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं थी।

इस तरह ले सकते हैं रिफंड :

सरकार की तरफ से पिछले साल यानी 2022 में संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक सेबी को 81.70 करोड़ रुपये की कुल मूल राशि के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट/पास बुक से जुड़े 19,644 आवेदन मिले थे। सेबी ने इनमें से 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि 48,326 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट/पासबुक वाले 17,526 एलिजिबल बॉन्डहोल्डर्स को रिफंड किया था। इसमें 70.09 करोड़ रुपये मूलधन और 67.98 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल था। अगर आपका भी पैसा सहारा इंडिया में फंसा हुआ है तो इसे वापस पाने के लिए आपको सेबी या कंज्यूमर हेल्पलाइन की मदद लेनी पड़ेगी। इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सेबी से मदद के लिए आपको उसके टोल फ्री नंबर 18002667575 या 1800227575 पर कॉल करना होगा। इन नंबरों पर आप सुबह नौ बजे से शाम छह बजे के बीच कॉल कर सकते हैं।