PIB Fact Check : देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) और पीएनबी (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के प्राइवेटाइजेशन खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर फैली, इन बैंकों के करोड़ों ग्राहक भौचक्के रह गए.
Bank Privatisation 2023 : सरकार की तरफ से आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है. इस बीच कुछ मीडिया हाउस की तरफ से देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) और पीएनबी (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के प्राइवेटाइजेशन का दावा किया जाने लगा. यह खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर फैली, इन बैंकों के करोड़ों ग्राहक भौचक्के रह गए. लेकिन अब सरकार की आधिकारिक फैक्ट चेकर ‘पीआईबी फैक्ट चेक’ (PIB Fact Check) ने इस खबर से पर्दा उठाया है.
वायरल पोस्ट में क्या थी जानकारी?
पीआईबी की तरफ से बताया गया कि कई मीडिया रिपोर्ट और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रिपोर्ट में दावा किया गया कि नीति आयोग ने तीन बैंकों एसबीआई (SBI) और पीएनबी (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के निजीकरण से जुड़ी लिस्ट शेयर की है. यह खबर तेजी से बैंक ग्राहकों के बीच फैल गई. अब पीआईबी फैक्ट चेक की तरफ से बताया गया कि यह खबर पूरी तरह गलत है. नीति आयोग की तरफ से ऐसी कोई भी लिस्ट जारी नहीं की गई है.
Several media reports claim that a list has been shared by Niti Aayog on the privatization of Public Sector Banks#PIBFactCheck
▶️This claim is #Fake
▶️No such list has been shared by @NITIAayog in any form.
🔗https://t.co/HOQDDDoMS8 pic.twitter.com/ZDETUQjAJ5
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) January 6, 2023
अगस्त 2019 में सरकार ने बैंकों का मर्जर किया :
दअसल, इस खबर को लोगों की तरफ से इसलिए भी सच माना जाने लगा क्योंकि अगस्त 2019 में सरकार ने कई बैंकों का मर्जर किया था. इसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह गई. हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि दो सरकारी बैंकों और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी का प्राइवेटाइजेशन का प्लान बनाया जा रहा है.
केंद्र की आधिकारिक फैक्ट चेकर ‘पीआईबी फैक्ट चेक’ (PIB Fact Check) ने लोगों से इस तरह के भ्रामक संदेश को फॉरवर्ड करने के खिलाफ आगाह किया है. PIB Fact Check की तरफ से जारी ट्वीट में सरकार की तरफ से बताया कि यह दावा पूरी तरह फर्जी है. इस तरह के भ्रामक संदेशों को आगे नहीं बढ़ाएं. इस ट्वीट पीआईबी की तरफ से 8 जनवरी को किया गया है.