Income Tax Slab : टैक्स में दी पूरे 50 हजार रुपये की छूट! जो कोई नहीं कर पाया वो मोदी सरकार ने कर दिखाया.

Income Tax Slab : केंद्र की मोदी सरकार ने वह कर दिखाया है जो अब तक किसी सरकार ने नहीं किया था. सरकार ने टैक्स में 50 की छूट देकर आम लोगों को बड़ी राहत दी है. साल 2014 में देश में सरकार बनाने के बाद से मोदी सरकार की ओर से लोगों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई गई. सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए जिसके कारण समाज के पिछड़े वर्ग भी आगे बढ़ सके. इसको देखते हुए सरकार ने कई तरह की लाभकारी योजनाएं भी चलाएं. इसी क्रम में केंद्र सरकार ने देश में टैक्स भरने वाले लोगों को भी काफी सहूलियत प्रदान की है. सरकार ने बजट के दौरान कई कल्याणकारी फैसले लिए हैं. इन्हीं में से मोदी सरकार की ओर से अपने कार्यकाल के दौरान बजट में लिए गए एक अहम फैसले के बारे में आज हम बात करने वाले हैं.

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इनकम टैक्स :

आयकर अधिनियम नागरिकों की इनकम पर टैक्स के लिए प्रावधान करने के साथ ही कई रियायत और छूट भी प्रदान करता है. इन रियायतों और छूट से टैक्स भरने वाले लोगों को काफी राहत भी हासिल होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार की ओर से साल 2018 के बजट में एक अहम फैसला लिया गया था.

इनकम टैक्स रिटर्न :

बता दें कि वेतनभोगी व्यक्ति और पेंशनभोगी बिना किसी निवेश या खर्च के डिफॉल्ट रूप से एक छूट का लाभ उठा सकते हैं और निश्चित राशि की रियायत हासिल कर सकते हैं. दरअसल, इनकम टैक्स भरने के दौरान वेतनभोगी व्यक्ति और पेंशनभोगी Standard Deduction का लाभ उठा सकते हैं. कुछ सालों के लिए Standard Deduction को हटा दिया गया था लेकिन फिर मोदी सरकार की ओर से वो किया गया जो कोई नहीं कर पाया.

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इनकम टैक्स स्लैब :

मोदी सरकार की ओर से साल 2018 के बजट में एक बार फिर से स्टैंडर्ड डिडक्शन को पेश किया गया. तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2018 के बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन का फिर से ऐलान किया. बजट 2018 में 40,000 रुपये का ऐलान स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर फिर से किया गया. दिलचस्प बात यह है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान पहले उपलब्ध था. हालांकि, इसे वित्त अधिनियम 2005 में समाप्त कर दिया गया था.

इनकम टैक्स छूट :

स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में उपलब्ध करवाई गई कटौती सभी वेतनभोगी कर्मचारियों के जरिए किसी भी निवेश की आवश्यकता के बावजूद ली जा सकती है. वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहल 1 फरवरी 2019 को पेश किए गए अंतरिम बजट 2019 में भी स्टैंडर्ड डिडक्शन को लेकर अहम ऐलान किया गया था.

स्टैंडर्ड डिडक्शन :

1 फरवरी 2019 को पेश किए गए अंतरिम बजट में वेतनभोगी और मध्यम वर्ग के लिए कई कर लाभ शामिल थे. इस बजट में 10000 रुपये की छूट को बढ़ाया गया और स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि को 40000 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया. अब इनकम टैक्स भरते वक्त वेतनभोगी लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 50 हजार रुपये की छूट मिलती है. इससे करदाताओं को अपने टैक्स खर्च को कम करने में काफी मदद मिलेगी.

टैक्स :

वहीं बजट 2020 ने टैक्स व्यवस्था में New Tax Regime को पेश किया गया. नई कर व्यवस्था के तहत करदाताओं के पास रियायती टैक्स दरों का भुगतान करने का विकल्प है. हालांकि इस नई व्यवस्था के तहत बड़ी कटौती और छूट की अनुमति नहीं है. अगर करदाता नई कर व्यवस्था में रिटर्न दाखिल करने के लिए टैक्स भरता है तो सैलरी से होने वाली इनकम पर स्टैंडर्ड डिडक्शन की इजाजत नहीं है.

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