tax exemption on personal loan : पर्सनल लोन का इस्तेमाल एसेट क्रिएशन के तौर पर करें तो आप पर्सनल लोन पर भी टैक्स में छूट का फायदा ले सकते हैं. जानिए किस तरह पर्सनल लोन आपके टैक्स की देनदारी को कम करने में मददगार साबित हो सकता है.
Income tax deduction : नौकरीपेशा लोग इनकम टैक्स बचाने के लिए नए-नए तरीके तलाशते रहते हैं. इसके लिए वे कई तरह की स्कीम में निवेश भी करते हैं. ज्यादातर लोगों को होम लोन (Home loan) पर इनकम टैक्स की छूट के बारे में जानकारी होती है, लेकिन क्या आपको पता है कि आप पर्सनल लोन पर भी इनकम टैक्स में छूट का फायदा ले सकते हैं?
देखा जाए तो सीधे तौर पर तो Income Tax Act में पर्सनल लोन डिडक्शन को लेकर कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन पर्सनल लोन की गणना हमारी Liability की श्रेणी में की जाती है, आय में नहीं. ऐसे में अगर आप पर्सनल लोन का इस्तेमाल एसेट क्रिएशन के तौर पर करें तो आप पर्सनल लोन पर भी टैक्स में छूट का फायदा ले सकते हैं. यहां जानिए वो तीन तरीके जिनके जरिए पर्सनल लोन आपके टैक्स की देनदारी को कम करने में मददगार साबित हो सकता है.
घर की खरीद या निर्माण में खर्च :
अगर आप पर्सनल लोन पर ली गई रकम का इस्तेमाल घर की मरम्मत या घर की खरीद के लिए करते हैं तो आप टैक्स में छूट ले सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 24 के तहत आवासीय घर की खरीद या निर्माण के लिए उठाए गए कर्ज के ब्याज पर छूट मिल सकती है. सेक्शन 80सी के तहत होम लोन पर जहां मूलधन के भुगतान पर डेढ़ लाख रुपए तक की छूट ली जा सकती है, वहीं सेक्शन 24 के अनुसार घर बनाने/खरीदने के लिए उठाए गए कर्ज के ब्याज पर अधिकतम दो लाख रुपए तक की छूट का प्रावधान है.
एसेट्स में निवेश :
अगर आप पर्सनल लोन का इस्तेमाल स्टॉक, जेवरात, नॉन रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी आदि की खरीददारी में करते हैं, तो भी आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है. लेकिन ये टैक्स छूट उस साल नहीं ली जा सकती है, जिस साल ब्याज चुकाया गया, बल्कि जिस साल आपने इस संपत्ति को बेचा, उस साल आप टैक्स में छूट क्लेम कर सकते हैं.
बिजनेस में निवेश :
अगर आप पर्सनल लोन का इस्तेमाल बिजनेस में निवेश के तौर पर करते हैं, तो भी आपको टैक्स में छूट मिल सकती है. ऐसे में आप ब्याज को खर्च के तौर पर दिखाकर क्लेम कर सकते हैं और टैक्स में देनदारी को कम कर सकते हैं.
ध्यान रहे :
इन तीनों मे मामलों एक बात ध्यान देने वाली है कि टैक्स छूट का फायदा केवल ब्याज की राशि पर ही मिलेगा, न कि मूल राशि पर. वहीं इसके अलावा अगर आप पर्सनल लोन की रकम को कहीं और निवेश करते हैं तो आपको टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा.