SBI Home Loan Apply : आम तौर पर लोग घर/फ्लैट खरीदने, प्लाट या कंस्ट्रक्शन/रिनोवेशन के लिए होम लोन लेते हैं. इससे इत्तर कई बार होम लोन मकान को बढ़ाने या रिपेयर करने के लिए भी लिया जाता है. हम यहां आपको होम लोन के बारे में सभी जरुरी जानकारी दे रहे हैं.
SBI Home Loan : लोगों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए अक्सर लोन की दरकार रहती है. लोन लेकर लोग अपनी जरूरतें जल्दी पूरी कर सकते हैं और अपनी लाइफस्टाइल को भी बेहतर कर सकते हैं. आजकल बैंक लोन देने की प्रक्रिया काफी आसान किए हुए है और छोटी प्रक्रिया का पालन करके भी लोन हासिल किया जा सकता है. वहीं पर्सनल लोन (Personal Loan) तो बिना दस्तावेजों के भी आजकल लोगों को मिल रहा है लेकिन होम लोन के लिए लोगों से कई सारे दस्तावेज लिए जाते हैं. आज हम आपको होम लोन के बारे में ही बताने वाले हैं.
आप कितना लोन ले सकते हैं?
होम लोन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले इस बात का आंकलन करें कि आपकी कमाई कितनी है. आपकी कमाई के हिसाब से बैंक कितना लोन दे सकते हैं. आपकी होम लोन लेने की क्षमता उसे चुकाने की क्षमता पर निर्भर करती है. आपकी मासिक कमाई, खर्च और परिजनों की कमाई, संपत्ति, देनदारी, आय में स्थिरता जैसे मामलों पर लोन निर्भर करता है. बैंक सबसे पहले यह देखते हैं कि आप समय पर होम लोन चुका पाएंगे या नहीं.
जितनी आय, उतना लोन :
हर महीने आपके हाथ में जितनी ज्यादा रकम आती है, आपके होम लोन की राशि उतनी बढ़ती जाएगी. आमतौर पर कोई बैंक या कर्ज देने वाली कंपनी यह देखती है आप मासिक आय का 50 फीसदी होम लोन की किस्त के रूप में दे पाएंगे या नहीं. होम लोन की अवधि और ब्याज दर पर भी लोन अमाउंट निर्भर करता है. इसके अलावा बैंक होम लोन के लिए उम्र की ऊपरी सीमा भी फिक्स करते हैं.
आपको कितना ज्यादा होम लोन मिल सकता है?
किसी मकान या फ्लैट की कीमत का 10 -20 फीसदी तक डाउन पेमेंट के रूप में जाता है. यह राशि आपको देनी होती है. इसके बाद प्रॉपर्टी की कीमत का 80-90 फीसदी तक लोन मिल जाता है. इसमें रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर और स्टांप ड्यूटी जैसे चार्ज भी शामिल होते हैं. प्रॉपर्टी खरीदते वक्त आपको अधिक से अधिक डाउन पेमेंट करना चाहिए, जिससे लोन का बोझ कम से कम रहे. होम लोन पर कर्ज देने वाला बैंक लंबी अवधि में आपसे काफी ब्याज वसूलता है, इसका ध्यान रखें.
जानिए टेन्योर, EMI और ब्याज (SBI Home Loan) :
होम लोन में जितना लंबा टेन्योर आप सेलेक्ट करेंगे, EMI उतनी ही कम हो जाएगी. हालांकि भुगतान किए जाने वाले ब्याज की राशि बढ़ जाएगी. इसके अलावा अगर टेन्योर छोटा रखते हैं तो EMI की राशि बढ़ जाएगा. इससे दिए जाने वाले ब्याज की राशि भी घट जाएगी. एसबीआई की ओर से होम के लिए आवेदन करने के लिए कई माध्यम बताए गए हैं.
घर बैठे कर सकते हैं आवेदन (SBI Home Loan) :
होम लोन लगभग सभी बैंकों की ओर से दिया जाता है. वहीं देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर के बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) भी लोन ऑफर करता है. अगर आपको भी SBI से लोन लेना है तो SBI की ब्रांच में जाना जरूरी नहीं है. दरअसल, ऑनलाइन भी एसबीआई में होम लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं.
ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन ( Online Apply ) :
ऑनलाइन होम लोन के लिए अप्लाई करना काफी आसान है. एसबीआई की वेबसाइट https://homeloans.sbi पर जाकर होम लोन के लिए आवेदन किया जा सकता है. इसके साथ ही इस लिंक से भी https://onlineapply.sbi.co.in/personal-banking/home-loan कम वक्त में ही लोन के लिए जानकारी हासिल की जा सकती है.
कॉल-मैसेज से भी कर सकते हैं आवेदन :
वहीं YONO Mobile के जरिए भी लोन के लिए आवेदन किया जा सकती है. आप SMS के माध्यम से भी होम लोन की जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके लिए HOME लिखकर 567676 पर मैसेज करना होगा या फिर 1800112018 पर कॉल करके भी होम लोन के लिए आवेदन किया जा सकता है.
होम लोन के लिए इन दस्तावेजों की होगी जरूरत :
होम लोन के एप्लिकेशन फॉर्म में डॉक्यूमेंट की चेकलिस्ट होती है. घर खरीदने के कानूनी कागजात से लेकर आइडेंटिटी और रेजिडेंस प्रूफ के साथ सैलरी स्लिप (ऑफिस से सत्यापित और खुद से अटेस्टेड) और फॉर्म 16 या आयकर रिटर्न के साथ बैंक का पिछले छह महीने की स्टेटमेंट तक देना पड़ता है. इसके अलावा कुछ बैंक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर के कागजात, एनएससी, म्यूचुअल फंड, बैंक डिपॉजिट या दूसरे निवेश के कागजात भी गिरवी के तौर पर मांगते हैं.
- पहचान के लिए दस्तावेज (Identity Proof)
- रेजिडेंशल प्रूफ (आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली का बिल, राशन कार्ड, आदि) (Residential Proof )
- उम्र के लिए प्रूफ (आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आदि)(Age proof)
- सैलरी स्लिप ( Salary Proof)
- फॉर्म 16 या आयकर रिटर्न (Income Tax return) के साथ बैंक का पिछले छह महीने की स्टेटमेंट
- इसके लिए कुछ संस्थान लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर के कागजात, एनएससी, म्यूचुअल फंड, बैंक डिपॉजिट या दूसरे निवेश के कागजात भी गिरवी के तौर पर मांगते हैं.