सरकार ने बुधवार को रिफाइंड पाम तेल के अंकुश-मुक्त आयात की सुविधा को 31 दिसंबर, 2022 से अगले आदेश तक आगे बढ़ा दिया है। इसका उद्देश्य खाद्य तेल की घरेलू आपूर्ति बढ़ाना और इस तेल की कीमत को कम करना है।
पिछले साल जून में सरकार ने 31 दिसंबर, 2021 तक रिफाइंड पाम तेल पर आयात प्रतिबंध हटा दिया था, जब खाद्य तेलों की कीमतें तेजी से बढ़ी थीं। बाद में इसे 31 दिसंबर, 2022 तक बढ़ा दिया गया था।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, ”जिंसों (खाद्यतेल) की मुक्त आयात नीति (रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड पाम ऑयल या आरबीडी पामतेल, रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड पामोलिन या आरबीडी-पामोलीन) को अगले आदेश तक 31 दिसंबर, 2022 से आगे बढ़ाया जाता है।”
हालांकि, इसने कहा कि केरल में किसी भी बंदरगाह के माध्यम से आयात की अनुमति नहीं है। इससे पहले, ये आयात प्रतिबंधित श्रेणी के तहत थे, जिसमें एक आयातक को आयात की खेप के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस या अनुमति की आवश्यकता होती थी।
उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार, इंडोनेशिया में कम कीमतों के कारण पिछले 11 महीनों में भारत में रिफाइंड पाम तेल का आयात ढाई गुना से अधिक बढ़कर 17.12 लाख टन हो गया। भारत दुनिया का प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार देश है। भारत ने चालू 2021-22 तेल वर्ष की नवंबर-सितंबर अवधि के दौरान 130.1 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात किया, जो कि एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में चार प्रतिशत अधिक है।