Bank Cash Withdrawal : बैंक में पैसे निकालने के नियम में बड़ा बदलाव! अब स्कैन होगी फेस एवं आंखों की रेटिना.

आमतौर पर पैसे निकालने के लिए विड्रोल स्लिप पर सिर्फ हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान की जरूरत होती थी। लेकिन, जल्द ही अब आप को बैंक से पैसे निकालने पर अपने चेहरे और आंखों की रेटिना को स्कैन कराना होना होगा। यानी सरकार ने बैंक ट्रांजैक्शन के लिए फेस आईडी और आईरिश स्कैनिंग की प्लानिंग कर रही है। हालांकि फेस आईडी की जरूरत सभी तरह के ट्रांजैक्शन के लिए नहीं होगी। बल्कि कुछ खास मामलों में होगी। सरकार का मानना है कि इससे टैक्स चोरी में कमी आएगी।

रिपोर्ट के मुताबिक कुछ बड़े प्राइवेट और सरकारी बैंकों ने फेस आईडी और आईरिश स्कैनिंग शुरू कर दी है। समाचार एजेंसी रॉयटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैंक के एक कर्मचारी ने बैंक का नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि ट्रांजेक्शन से पहले फेस आईडी वेरिफिकेशन का आदेश अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन बैंकों ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह का वेरिफिकेशन अनिवार्य नहीं है और इसका इस्तेमाल उस स्थिति में किया जाएगा जब खाताधारक के पास सरकारी पहचान पत्र, स्थायी खाता संख्या (पैन कार्ड) नहीं होगा, हालांकि फेस आईडी के इस तरह के इस्तेमाल को लेकर प्राइवेसी पर सवाल खड़े होंगे, क्योंकि भारत में फेस आईडी, साइबर सिक्योरिटी, प्राइवेसी को लेकर कोई कानून नहीं है। उम्मीद है कि इस साल प्राइवेसी कानून को हरी झंडी मिल जाएगी।

कहा जा रहा है कि फेस आईडी और आईरिश आईडी का इस्तेमाल उन मामलों में किया जाएगा जब किसी खाताधारक ने एक साल में 20 लाख से अधिक की निकासी और जमा की है। फेस आईडी के अलावा खाताधारक को पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड भी देना होगा।

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दिसंबर में भारत के वित्त मंत्रालय ने बैंकों से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के एक पत्र पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा, जिसमें सुझाव दिया गया था कि वेरिफिकेशन फेस आईडी और आईरिस स्कैनिंग के माध्यम से किया जाना चाहिए, खासकर जहां किसी व्यक्ति का फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन फेल होता है। सरकार या किसी बैंक की ओर से इस रिपोर्ट पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।