Shattila Ekadashi 2022 : षटतिला एकादशी पर करें मंत्र जाप एवं विष्णु आरती.

Shattila Ekadashi 2022: षटतिला एकादशी व्रत 28 जनवरी दिन शुक्रवार को है. इस दिन व्रत रखें और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की विधि विधान से पूजा करें. इस व्रत को करने से दुख मिटते हैं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. श्रीहरि की कृपा से भक्तों को विष्णु लोक में स्थान प्राप्त होता है. षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना प्रभावी होता है. विष्णु मंत्रों का जाप तुलसी की माला से करना चाहिए. पूजा के समय विष्णु मंत्रों (Vishnu Mantra) का जाप करें और अंत में विधिपूर्वक भगवान विष्णु की आरती (Vishnu Aarti) करें. षटतिला एकादशी पर किन मंत्रों का जाप करना चाहिए? आइए जानते हैं इसके बारे में.

Ads Ads

षटतिला एकादशी 2022 विष्णु मंत्र : 

ओम नमो भगवते वासुदेवाय

Ads Ads

ओम ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः

ओम नमो नारायणाय

संतान गोपाल मंत्र  :
ओम देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।

धन-वैभव और समृद्धि के लिए विष्णु मंत्र
ओम भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ओम भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

Ads Ads

विष्णु गायत्री महामंत्र :
ऊं नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
भगवान विष्णु की आरती

ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ओम जय जगदीश हरे…

Ads Ads

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ओम जय जगदीश हरे…

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥
ओम जय जगदीश हरे…

Ads Ads
यह भी पढ़े :  RASHIFAL TODAY : 16 जनवरी का राशिफल : मिथुन और तुला राशि के लिए खास है आज का दिन, नए अवसरों के साथ होगा लाभ.

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ओम जय जगदीश हरे…

तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ओम जय जगदीश हरे…

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥
ओम जय जगदीश हरे…

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ओम जय जगदीश हरे…
विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, संतन की सेवा॥
ओम जय जगदीश हरे…

Ads Ads

श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥
ओम जय जगदीश हरे…

Ads Ads