Chaitra Amavasya 2022: आज चैत्र अमावस्या है. आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है, उसके बाद दान दिया जाता है. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. आज प्रात:काल से ब्रह्म योग बना है. यह योग सुबह 09:37 बजे समाप्त होगा. उसके पश्चात इंद्र योग शुरु हो जाएगा. चैत्र अमावस्या पर सुबह 10:40 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस समय ही अमृत सिद्धि योग भी है. ये दोनों ही योग लाभदायक होते हैं और मांगलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इस योग में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. आइए जानते हैं चैत्र अमवास्या की तिथि, स्नान समय (Chaitra Amavasya Snan Muhurat) एवं दान की वस्तुओं (Chaitra Amavasya 2022 Daan) के बारे में.
चैत्र अमावस्या 2022 की तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 31 मार्च को दोपहर 12:22 बजे लग गई थी, जो आज दिन में 11:53 बजे तक मान्य है. स्नान दान के लिए उदयातिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस आधार पर चैत्र अमवास्या का स्नान आज है.
चैत्र अमावस्या 2022 स्नान समय
चैत्र अमावस्या को प्रात:काल से ही शुभ योग बने हुए हैं, ऐसे में आप प्रात:काल से स्नान कर सकते हैं. सुबह 10:40 बजे से भी सुंदर योग हैं, आप इस योग में भी स्नान करके कार्य सिद्धि कर सकते हैं.
चैत्र अमावस्या 2022 दान की वस्तुएं
अमावस्या को स्नान के बाद गरीबों को भोजन कराएं. ब्राह्मणों को वस्त्र, चावल, चादर, छाता, जूते, चप्पल आदि का दान करें. गाय, कौआ, कुत्ता आदि को भोजन दें. ऐसा करने से पुण्य प्राप्त होगा, साथ ही आपके पितर भी प्रसन्न होंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गाय, कौआ, कुत्ता आदि भोजन कर लेते हैं, तो वह अन्न पितरों को प्राप्त होता है.
अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करने की परंपरा है. तर्पण, पिंडदान एवं श्राद्ध् से वे प्रसन्न होते हैं. जिससे वे अपने वंश को सुख, शांति, धन, धान्य, वंश वृद्धि आदि का आशीर्वाद देते हैं. अमावस्या पर पिंडदान, श्राद्ध कर्म न कर पाएं, तो कम से कम उनको तर्पण अवश्य दें. इससे पितर तृप्त हो जाते हैं. पितृ दोष दूर होता है.