Vijaya Ekadashi 2022: फाल्गुन माह (Phalguna Month) के कृष्ण पक्ष की एकादशी 26 फरवरी को है. इस दिन विजया एकादशी व्रत रखा जाएगा. विजया एकादशी को सभी व्रतों में उत्तम माना जाता है. इस व्रत को प्रभु श्रीराम ने भी किया था. ब्रह्मा जी ने नारद मुनि के कहने पर विजया एकादशी व्रत के महत्व और उसकी विधि विधान के बारे में विस्तार से बताया था. इस बार विजया एकादशी व्रत दो दिन है. लेकिन गृहस्थ लोग 26 फरवरी को व्रत रखेंगे. इस व्रत को करने से कई लाभ होते हैं. आइए जानते हैं कि विजया एकादशी व्रत के महत्वपूर्ण लाभ (Benefits) और नियम (Rules) के बारे में.
विजया एकादशी व्रत से होने वाले लाभ :
1. जैसा ब्रह्मा जी ने बताया था कि विजया एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के समस्त पाप मिट जाते हैं.
2. विजया एकादशी व्रत सभी मनुष्यों को करना चाहिए. इस व्रत के पुण्य प्रभाव से विजय की प्राप्ति होती है. लंका पर विजय से पूर्व प्रभु श्रीराम ने भी विजया एकादशी व्रत विधिपूर्वक रखा था.
3. विजया एकादशी व्रत सभी व्रतों में उत्तम इसलिए भी है क्योंकि इसको करने से वाजपेय यज्ञ के समान ही पुण्य लाभ प्राप्त होता है.
4. विजया एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं.
5. इस व्रत को करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. वह जीवात्मा जन्म मरण के बंधन से मुक्ति हो जाती है और उसे श्रीहरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है.
विजया एकादशी व्रत के नियम :
1. सभी एकादशी व्रतों की तरह इसमें भी उन नियमों का पालन करना होता है और परहेज करना होता है.
2. दशमी के दिन एक कलश में जल भरकर उसमें पांच पल्लव रखकर वेदिका पर स्थापित करते हैं.
3. उसके ऊपर जौ रखें और उस पर भगवान श्रीहरि विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें.
4. एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा करें और विजया एकादशी व्रत कथा का पाठ करें.
5. द्वादशी के दिन पारण करने से पूर्व उस कलश को किसी ब्राह्मण को दान कर दें.