Astrology में 9 ग्रहों और नक्षत्रों की गणना करके भविष्यवाणियां निकाली जाती हैं. इन ग्रहों में कुछ ग्रह बेहद असरकारक हैं, उनकी अच्छी या बुरी स्थिति जिंदगी पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालती है. इनमें से एक प्रमुख ग्रह हैं शनि (Shani). कहा जाता है कि शनि की दृष्टि राजा को रंक और रंक को राजा बना देती है. वहीं जिन राशियों पर शनि की महादशा चलती है, उनके लिए तो उस अवधि में बेहद सतर्क रहना जरूरी होता है.
शनि का दूसरा चरण सबसे खतरनाक : शनि की महादशाएं 2 तरह की होती हैं, एक- साढ़े साती और दूसरी-ढैय्या. साढ़े साती 7.5 साल तक चलती है, इसके ढाई-ढाई साल के 3 चरण होते हैं. वहीं ढैय्या 2.5 साल की होती है. शनि ग्रह जिस राशि में रहते हैं उससे आगे और पीछे की एक-एक राशि पर भी साढ़े साती रहती है. ज्योतिष के मुताबिक साढ़े साती के पहले चरण में शनि तनाव-उलझन और अशांति देते हैं. दूसरे चरण में मानसिक समस्याओं के अलावा शारीरिक समस्याएं भी देते हैं. साथ ही धन हानि भी कराते हैं. तीसरे चरण में शनि कम कष्ट देते हैं. इस तरह साढ़े साती का दूसरा चरण सबसे मुश्किल होता है.
इस राशि के लिए मुश्किलें ही मुश्किलें :
अभी शनि मकर राशि में हैं और 29 अप्रैल 2022 कुंभ राशि में गोचर करेंगे. शनि के कुंभ राशि में आते ही इस राशि के जातकों पर साढ़े साती का दूसरा चरण भी शुरू हो जाएगा. शनि के कुंभ राशि में आते ही धनु राशि के जातकों की साढ़े साती खत्म हो जाएगी और मीन राशि के जातकों पर साढ़े साती का पहला चरण शुरू हो जाएगा. इसके बाद शनि 2025 में राशि परिवर्तन करेंगे और तब तक इन राशि वालों को शनि का प्रकोप झेलना पड़ेगा.
कुंभ के स्वामी हैं शनि :
साढ़े साती के दूसरे वरण के दौरान कुंभ राशि के जातकों को कई मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं. उन्हें इस दौरान बहुत संभलकर रहना होगा. शारीरिक-मानसिक परेशानियां हो सकती हैं. धन के मामले भी सावधानी से देखें, वरना नुकसान हो सकता है. बेहतर होगा कि इस दौरान शनि संबंधी उपाय करें, ताकि शनि की कुदृष्टि से राहत मिले. कुल मिलाकर यह समय धैर्य से निकालें. चूंकि शनि ग्रह कुंभ राशि के स्वामी हैं, इसलिए साढ़े साती के दौरान इस राशि के जातकों को अन्य राशियों की तुलना में कम समस्याएं झेलनी पड़ेंगी.