Sakat Chauth 2022 Puja Samagri: सकट चौथ या संकटा चौथ (Sankata Chauth ) आज 21 जनवरी दिन शुक्रवार को है. सकट चौथ के दिन निर्जला व्रत रखते हुए गणेश जी (Lord Ganesha) की पूजा करते हैं और तिलकुट (Tilkut) भोग में अर्पित करते हैं. तिल के लड्डू और अन्य पकवान इस पूजा में शामिल करते हैं, इस वजह से यह तिल चौथ या तिलकुट चौथ के नाम से भी जाना जाता है. सकट चौथ का व्रत हमेशा माघ मास में पड़ता है, इसलिए इसे माघी चौथ भी कहते हैं. आपको भी अपने संतान की सुरक्षा और सुख समृद्धि के लिए इस वर्ष सकट चौथ का व्रत रखना है, तो इसकी तैयारी शुरु कर दें. सकट चौथ में गणेश जी की पूजा और व्रत विधि महत्वपूर्ण है, इसे भी जान लेना चाहिए. सकट चौथ की पूजा सामग्री क्या है, आइए जानते हैं इसके बारे में.
सकट चौथ 2022 पूजा सामग्री
1. गणेश जी की स्थापना के लिए लकड़ी की एक छोटी चौकी और उस पर बिछाने के लिए एक पीला वस्त्र.
2. गणेश जी को अर्पित करने के लिए पीला वस्त्र और एक जनेऊ.
3. गणेश जी के अभिषेक के लिए गंगाजल, लाल और पीले फूल.
4. दूर्वा की 21 गांठ और मोदक.
5. लड्डू, तिल के लड्डू, तिलकुट, तिल का खीर या अन्य पकवान.
6. चंदन, रोली, रक्षासूत्र, पान का पत्ता, सुपारी, अगरबत्ती, धूप, इत्र, अक्षत्, हल्दी, दीपक, गाय का घी, दही आदि.
7. कलश, कलश के लिए एक ढक्कन, आम का पत्ता, गौरी गणेश, गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर.
8. मौसमी फल, गाय का दूध (चंद्रमा को अर्पित करने के लिए), सकट चौथ व्रत कथा पुस्तक.
9. सकट चौथ पर ब्राह्मण के लिए दान की वस्तुएंं. पूजा के बाद पारण के लिए फल, मिठाई आदि.
सकट चौथ व्रत निर्जला होता है, लेकिन कोई स्वास्थ्य कारण से फलाहार करते हुए भी व्रत रख सकता है. आपको पहली बार सकट चौथ का व्रत रखना है, तो आज या कल में आप पूजा सामग्री का प्रबंध कर लें, जिससे कि आपको व्रत वाले दिन परेशान नहीं होना पड़ेगा.
व्रत से एक दिन पूर्व से ही सात्विक भोजन किया जाता है. मन, कर्म और वचन से शुद्ध होकर गणेश जी की पूजा करनी चाहिए, तभी यह व्रत सफल होता है. आप व्रत रखते हैं और पूजा पाठ करते हैं, लेकिन दूसरों के प्रति घृणा और द्वेष से भरे हुए हैं, तो यह व्रत कभी फलित नहीं होगा. नकारात्कता से केवल नकारात्मकता को ही प्राप्त किया जा सकता है. सफल होने के लिए व्यक्ति का सकारात्मक सोच होना बहुत जरुरी है.