Pradosh Vrat 2022: आज सोम प्रदोष व्रत है. यह फाल्गुन माह का पहला और फरवरी माह का अंतिम प्रदोष व्रत है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ आज प्रात: 05 बजकर 42 मिनट पर हुआ है, यह 01 मार्च को प्रात: 03 बजकर 16 मिनट तक मान्य है. उसके बाद से महाशिवरात्रि (Mahashivratri) प्रारंभ हो जाएगी. इस बार प्रदोष व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है. आज सुबह 07 बजकर 02 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है, जो कल सुबह 05 बजकर 19 मिनट तक है. ऐसे में इस बार का प्रदोष व्रत सभी मनोकामनाओं को सिद्ध करने वाला है. आइए जानते है प्रदोष व्रत के मुहूर्त (Muhurat), मंत्र (Mantra), पूजा विधि (Puja Vidhi), कथा (Katha) और महत्व (Importance) के बारे में.
प्रदोष व्रत 2022 पूजा मुहूर्त
प्रदोष व्रत के दिन हमेशा ही शिव पूजा शाम के समय में की जाती है. आज प्रदोष काल में शिव पूजा का उत्तम मुहूर्त शाम 06:20 बजे से रात 08:49 बजे तक है. इस समय काल में शिव पूजा करना उत्तम है. हालांकि आप दिन में भी प्रदोष व्रत की पूजा कर सकते हैं.
प्रदोष व्रत 2022 पूजा विधि एवं मंत्र
आज प्रात: स्नान के बाद साफ वस्त्र पहन लें. फिर पूजा स्थान पर शिवलिंग या शिव जी की तस्वीर स्थापित करें. गंगाजल से शिव जी का अभिषेक करें. उसके बाद गाय के दूध से अभिषेक करें. अब शिव जी का पूजन ओम नम: शिवाय मंत्र के उच्चारण के साथ बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार पुष्प, शमी का पत्ता, सफेद चंदन, शहद, शक्कर, अक्षत् आदि से करें.
शिव जी को हल्दी, सिंदूर, तुलसी, रोली, कुमकुम, नारियल आदि नहीं चढ़ाना चाहिए. अब आप शिव चालीसा और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें. सबसे अंत में विधिपूर्वक शिव जी की आरती करें.
सोम प्रदोष व्रत कथा
आज सोम प्रदोष व्रत है, तो पूजा के समय सोम प्रदोष व्रत कथा का ही पाठ करें. आपको व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त होगा. यहां विस्तार से पढ़ें सोम प्रदोष व्रत कथा.
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत को करने से सुख एवं समृद्धि मिलती है. संतान की प्राप्ति के लिए शनि प्रदोष व्रत रखते हैं. रोग, दोष, कष्ट आदि से मुक्ति के लिए भी प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत को समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उपयोगी बताया गया है.