Jaya Ekadashi 2022: माघ मास (Magh Month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी व्रत कहते हैं. इस वर्ष जया एकादशी व्रत 12 फरवरी दिन शनिवार को है. इस दिन विधिपूर्वक भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. इस व्रत के पुण्य से व्यक्ति को भूत, प्रेत या पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है, मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है और श्रीहरि की कृपा से सभी पाप भी मिट जाते हैं. यदि आपको भी जया एकादशी व्रत रखना है, तो इन बातों को जान लेना जरूरी है कि क्या करें और क्या न करें (Dos And Donts).
जया एकादशी 2022 क्या करें और क्या न करें
क्या न करें ;
1. जया एकादशी के दिन फूल, पत्ते आदि का तोड़ना वर्जित हैं. पूजा के लिए फूल, तुलसी का पत्ता आदि व्रत से एक दिन पूर्व तोड़कर रख लें.
2. जया एकादशी के दिन दान में मिला हुआ अन्न कभी नहीं खाना चाहिए.
3. एकादशी व्रत में शलगम, पालक, चावल, पान, गाजर, बैंगन, गोभी, जौ आदि नहीं खाना चाहिए. इससे दोष लगता है.
4. एकादशी व्रत रखने वालों को व्रत से पूर्व से तामसिक भोजन, लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.
5. जया एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को किसी के बारे में बुरा नहीं सोचना चाहिए और न ही किसी को कड़वी बातें कहना चाहिए. क्रोध करने से बचें.
6. जया एकादशी व्रत रखने वालों या उनके परिजनों के लिए व्रत वाले दिन दाढ़ी बनाना, नाखून काटना, बाल कटाना, झाड़ू लगाना वर्जित होता है.
क्या करें ;
1. एकादशी व्रत के दिन संभव हो तो पीले वस्त्र पहनें.
2. विष्णु पूजा के समय जया एकादशी व्रत कथा का श्रवण करना जरूरी होता है.
3. एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा करते समय पंचामृत एवं तुलसी का पत्ता प्रयोग में अवश्य लाएं.
4. इस दिन आपके दरवाजे पर कोई भिक्षा मांगने आए, तो उसे खाली हाथ न जाने दें. व्रत वाले दिन दान करने से पुण्य लाभ होता है.
5. एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद करें. हालांकि द्वादशी तिथि के समापन से पूर्व पारण कर लेना चाहिए.