Viral News: टोल प्लाजा वाली खबर जब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगी, तो पीआईबी फैक्ट चेक ने इसकी पड़ताल की. जांच में पीआईबी ने पाया कि दावा पुरी तरह से फर्जी है. पीआईबी फैक्ट चेक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से वायरल मैसेज को शेयर किया और बताया, यह दावा फर्जी है.
सोशल मीडिया बड़ी ही अनोखी दुनिया है. आए दिन यहां ऐसी अतरंगी खबरों से लोगों का सामना होता रहता है, जिसे पढ़कर आप हैरत में पड़ जाते हैं. कई बार ये खबरें इतनी लुभावनी होती हैं कि इन पर आसानी से यकीन भी नहीं होता है. ऐसा ही एक दावा आजकल WhatsApp पर किया जा रहा है, जिसमें यह कहा जा रहा है केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पत्रकारों को राहत देते हुए उन्हें टोल टैक्स से मुक्ति दे दी है. इसके लिए उन्हे अपना आईडी कार्ड दिखाना होगा. आइए जानते है तेजी से वायरल हो रहे इस मैसेज की क्या सच्चाई है.
क्या है वायरल मैसेज
एक #WhatsApp मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत के सभी टोल प्लाजा पर पत्रकारों को टोल टैक्स पर मिलेगी छूट, जिसके लिए आईडी कार्ड दिखाना होगा आवश्यक#PIBFactCheck:
▶️यह दावा #फर्जी है
▶️@MORTHIndia ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है
▶️अधिक जानकारी के लिए👇 https://t.co/gMqvYZPaly pic.twitter.com/wWseuIx3oy
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 15, 2022
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस मैसेज में लोगों को बताया जा रहा है कि भारत के सभी टोल प्लाजा पर पत्रकारों को टोल टैक्स से छुट्टी मिलेगी. मैसेज में इस बात का भी दावा किया गया है कि इस बाबत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सभी टोल प्लाजा को आदेश भेज दिया है. हालांकि इसके लिए पत्रकारों को अपना आईडी कार्ड दिखाना जरूरी होगा.
कितना सच्चा है ये दावा
सरकारी एजेंसी PIB ने इस सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज का फैक्ट चेक करते हुए इसे पूरी तरह से फर्जी पाया. PIB Factcheck ने कहा, “एक WhatsApp मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत के सभी टोल प्लाजा पर पत्रकारों को टोल टैक्स पर मिलेगी छूट, जिसके लिए आईडी कार्ड दिखाना आवश्यक होगा. यह दावा फर्जी है. सड़क और परिवहन मंत्रालय ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है.”
पीआईबी ने इस मैसेज के फैक्ट चेक करने के साथ ही एक लिंक को शेयर किया है, जिसमें इस बारे में जानकारी दी गई है कि किन लोगों को भारत में टोल टैक्स से छूट मिलती है. इसमें भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, लोकसभा राज्यसभा स्पीकर और सांसद आदि शामिल होते हैं. इसके साथ ही एंबुलेंस और शव वाहन को भी टोल टैक्स से छूट मिलती है.