Amavasya 2022 : फाल्गुन अमावस्या बन रहे हैं दो शुभ योग जानिए.

Amavasya 2022: इस साल महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के अगले दिन फाल्गुन अमावस्या (Phalguna Amavasya) है. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी यानी महाशिवरात्रि के बाद अगली तिथि अमावस्या आती है. महाशिवरात्रि 01 मार्च दिन मंगलवार को है और फाल्गुन अमावस्या 02 मार्च दिन बुधवार को है. अमावस्या के दिन नदी में स्नान करने और उसके बाद दान करने की परंपरा है. अमावस्या पर पितरों की पूजा करने और उनकी आत्मतृप्ति करने का भी विधान है. पितरों को तृप्त करके पितृ दोष से मु​क्त हो सकते हैं. इस साल फाल्गुन अमावस्या पर दो शुभ योग शिव और ​सिद्ध (Shiv And Siddha Yog) बन रहे हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में.

अमावस्या 2022 तिथि
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 01 मार्च को देर रात 01:00 बजे शुरु होगी, यह तिथि 02 मार्च को रात 11:04 बजे तक रहेगी. फाल्गुन अमावस्या पर शिव योग और सिद्ध योग बन रहे हैं. अमावस्या की प्रात: 08:21 बजे तक शिव योग है. उसके बाद से सिद्ध योग प्रारंभ होगा. यह अगले दिन 03 मार्च को प्रात: 05:43 बजे पर समाप्त होगा.

ये दोनों ही योग किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए अच्छे माने जाते हैं. अमावस्या के दिन कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं, तो इस योग में कर सकते हैं.

फाल्गुन अमावस्या का पंचांग

सूर्योदय: प्रात: 06:45 बजे

सूर्यास्त: शाम 06:21

चन्द्रोदय: नहीं

चन्द्रास्त: शाम 06:02 बजे

नक्षत्र: शतभिषा 03 मार्च को तड़के 02:37 बजे तक

योग: शिव, सुबह 08:21 बजे तक, फिर सिद्ध योग, 03 मार्च को सुबह 05:43 बजे तक

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अभिजित मुहूर्त: कोई नहीं

विजय मुहूर्त: दोपहर 02:29 बजे से दोपहर 03:16 बजे तक

अमृत काल: शाम 07:47 बजे से रात 09:18 बजे तक

राहुकाल: दोपहर 12:33 बजे से दोपहर 02:00 बजे तक

अमावस्या के दिन पितरों की आत्मतृप्ति के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्धकर्म आदि किया जाता है. यह सभी चीजें दिन में 11:30 बजे से दोपहर 02:30 बजे तक ​​किया जाता है. अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से भी पितर प्रसन्न होते हैं.